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Adhyatma Patal (अध्यात्मपटल)

72.00

Author Swami Maheshanad Giri
Publisher Dakshinamurty Math Prakashan
Language Sanskrit & Hindi
Edition 2010
ISBN -
Pages 137
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code dmm0001
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Description

अध्यात्म पटल (Adhyatma Patal) अध्यात्म साधना के कठिन क्रम का पालन कर पाने के लिए आवश्यक है विचार-पूर्वक उन बाह्य-आभ्यन्तर आचारों का ठीक-ठीक ज्ञान अर्जित करना जिनके पालन से इस मार्ग पर प्रगति सम्भव है। प्रतिदिन प्रार्थना करते हैं ‘य उपनिषत्सु धर्मास्ते मयि सन्तु’ अर्थात् वेदान्तों में विहित धर्मों का मुझसे आचरण हो। इसके लिए उन धर्मों की जानकारी चाहिए। भगवान् श्रीकृष्ण ने भी गीता में ऐसे धर्म प्रकाशित किये हैं। इसी तरह महर्षि आपस्तम्ब ने ‘अध्यात्मपटल’ के अन्तर्गत मुमुक्षुओं के उपयोगी कर्तव्यों का वर्णन किया है। इस सूत्रात्मक ग्रन्थ का एक व्याख्यान मिलता है जो आचार्य श्रीशंकर द्वारा रचित कहा जाता है किन्तु इस बारे में आलोचकों में मतभेद भी है। सिद्धान्त की दृष्टि से उस व्याख्या में वेदान्तविरुद्ध कुछ न होने से रचयिता जो कोई भी हो, ग्रन्थ श्रद्धेय ही है। इसी भाव से आचार्य महामण्डलेश्वर श्री स्वामी महेशानन्द गिरि जी महाराज ने प्रायः तेरह वर्ष पूर्व इस ग्रन्थ की प्रवचनात्मक व्याख्या की थी जो छपवाकर श्री मेहता चैरिटेबल प्रज्ञालय ट्रस्ट, दिल्ली, ने वितरित की थी। इधर काफी समय से वह संस्करण सुलभ न होने से श्रीदक्षिणामूर्ति मठ प्रकाशन उसे प्रकाशित कर रहा है ताकि जिज्ञासुजनों को यह पथ-प्रदर्शक ग्रन्थ सुलभ बना रहे।

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