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Anusandhan Ki Ayurvedik Paddhati (अनुसंधान की आयुर्वेदिक पद्धति)

Original price was: ₹150.00.Current price is: ₹127.00.

Author Prof. B.K. Dwivedi
Publisher Chaukhambha Krishnadas Academy
Language Hindi & Sanskrit
Edition 2019
ISBN 978-81-218-0438-7
Pages 144
Cover Paper Back
Size 14 x 4 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code CSSO0061
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Description

अनुसंधान की आयुर्वेदिक पद्धति (Anusandhan Ki Ayurvedik Paddhati) आयुर्वेद में स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर अनुसंधान पद्धति को पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया गया है। स्नातकोत्तर स्तर पर इसे स्वतंत्र विषय के स्वरूप में रखा गया है। प्रायः इस विषय के पठन-पाठन में सांख्यिकी व आधुनिक तकनीक से विश्लेषात्मक विषयों का ज्ञान छात्रों को दिया जाता है। किसी शास्त्र के अनुसंधान में अपनी सामग्री एवं विधि होती है। भारतीय दर्शनों में न्याय दर्शन को आन्विषिकी विद्या कहा गया है, जिसमें अनुसंधान के साधन एवं विधि का पूर्ण वर्णन है। आयुर्वेद एक विज्ञान है, जिसके परिभाषा में “मान” का उल्लेख कर तथा चरक सूत्रस्थान अध्याय-३० में आयुर्वेद के परिचय के संदर्भ में प्रमाणतः-अप्रमाणतः कहकर इसके वैज्ञानिकता को प्रमाणित किया गया है।

आयुर्वेद विशेषज्ञ चरक संहिता में उल्लिखित आयुर्वेद एक खोज अनुसंधान के रूप में वर्णित है। चरक संहिता का प्रारम्भ दीर्घजीवितम् अन्विक्षण से होता है। पुनः इसके स्रोत की खोज हुई जो इन्द्र के रूप में वर्णित हुई। इन कतिपय तथ्यों से यह स्पष्ट होता है कि आयुर्वेद की अपनी अनुसंधान की पद्धति बनाई। वास्तव में संशय का समाधान जिज्ञासा या परीक्षा से होता है। अतः अनुसंधान को अन्य शब्दों में परीक्षा प्रक्रिया कह सकते हैं। अतः “परिक्ष्यकारिणो हि कुशला भवन्ति” कहकर इसके महत्व को बताया गया है।

आयुर्वेद की अपनी अनुसंधान विधि है। इससे सम्बन्धित पदों का व्यवहार्य विषयों को “वादमार्गपद” के रूप में वर्णन किया है, जिसे अनुसंधान पद्धति का स्वरूप दिया गया है। यह नहीं कहा जा सकता कि जो इस ग्रन्थ में कहा गया है, वह अन्तिम बल्कि इस दिशा में किया गया प्रयास प्राथमिक है। अतः पाठकवृन्द इसमें प्राप्त सुधार स्थलों को निर्देशित करने की कृपा करें, जिसके लिये लेखक सदैव आभारी रहेगा। कतिपय विषय शेष रह गये हैं, उन्हें अगले खण्ड में या अगले संस्करण में शीघ्र ही समावेशित करने का प्रयास किया जायेगा।

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