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Ayurvediya Pachan Tantra Chikitsa Siddhant (आयुर्वेदीय पाचन तंत्र चिकित्सा सिद्धांत)

140.00

Author Dr. Pragya Singhal
Publisher Chaukhambha Sanskrit Sansthan
Language Hindi & Sanskrit
Edition 2022
ISBN 978-93-81608-70-8
Pages 148
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code CSS0006
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Description

आयुर्वेदीय पाचन तंत्र चिकित्सा सिद्धांत (Ayurvediya Pachan Tantra Chikitsa Siddhant) इस पुस्तक में अग्नि, आम, अन्नविष, अजीर्ण, अतिसार, ग्रहणी, अम्लपित्त, शूल, परिणामशूल, कोष्ठगत वात आदि विषयों का समावेश किया गया है। वैसे तो कायचिकित्सा की अनेक पुस्तकें प्रकाशित एवं प्रचलित हैं परन्तु यह अनुभव किया गया है कि आयुर्वेद में पाचनतन्त्र की व्याधियों का विषय अत्यन्त व्यापक है तथा इन व्याधियों का गहन एवं सूक्ष्म अध्ययन काय चिकित्सा का आधार है। आचार्य चक्रपाणिदत्त ने संक्षेप में “कायअन्तराग्निश्चिकित्सा” कहकर काय चिकित्सा को अन्तराग्नि की चिकित्सा बताया है। वहीं आचार्य वाग्भट्ट ने “रोगासर्वेऽिपमन्दाग्नौ” कहकर सभी रोगों का मूल मन्दाग्नि को बताया है।

अतः इस दृष्टि से आयुर्वेद कायचिकित्सा शास्त्र में अग्नि एव पाचनतन्त्र संस्थान की व्याधियों का अत्यन्त महत्व है। यद्यपि इस पुस्तक में पाचनसंस्थान की व्याधियों के चिकित्सा सिद्धान्त को अत्यन्त सूक्ष्म रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। परन्तु लेखक अभी लेखन कार्य एवं अनुभव में कनिष्ठ है, अतः उसकी त्रुटियाँ क्षमा प्रार्थनीय हैं तथा इस पुस्तक की विषय वस्तु के लिए वरिष्ठों एवं गुरूजनों द्वारा सुझाव सादर आमान्त्रित हैं।

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