Chandrakala Nadi (चन्द्रकला नाड़ी)
₹50.00
Author | Jyotivrid Jagannath Bhasin |
Publisher | Ranjan Publication |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | Ist Edition, 2019 |
ISBN | - |
Pages | 144 |
Cover | Paper Back |
Size | 12 x 1 x 18 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | RP0082 |
Other | Dispatch In 1-3 days |
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CompareDescription
चन्द्रकला नाड़ी (Chandrakala Nadi) चन्द्रकला-नाड़ी मूल संस्कृत श्लोकों का एक प्रसिद्ध ग्रन्थ है, इसको हिन्दी भाषी जनता की सेवा में प्रस्तुत करने का अर्थात् इसके सार की व्याख्या करने का प्रयास यह पुस्तक रूप है। इस नाड़ी के अध्ययन से कतिपय ऐसे सिद्धान्तों के निर्णय करने में भी सहायता मिलेगी जिन सिद्धान्तों के सम्बन्ध में स्वयम् आचार्यों में मत-भेद हैं, जैसे-पतिकारक गुरु है अथवा शुक्र ? पिता का भाव नवम है या दशम ? एकादशेश पापी है या नहीं ? धन की जानकारी देने वाला बुध आदि प्रश्न। देश से सम्बन्ध रखने वाली संहिता के सम्बन्ध में भी चर्चा है तथा ‘गुण सादृश्य’ सिद्धान्त को ज्योतिष की एक कुंजी के रूप में उपस्थित किया है। आशा है, पुस्तक ज्योतिष विद्या के प्रचार-प्रसार में उपयोगी सिद्ध होगी।
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