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Garbhadhan Punsvan Simantonnyan Sanskar (गर्भधान पुंसवन सीमन्तोन्नयन संस्कार)

30.00

Author Dr. Kamalakant Tripathi
Publisher Sampurnananad Sanskrit Vishwavidyalay
Language Sanskrit & Hindi
Edition 1st edition
ISBN 81-7270-059-8
Pages 35
Cover Paper Back
Size 14 x 1 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code SSV0042
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Description

गर्भधान पुंसवन सीमन्तोन्नयन संस्कार (Garbhadhan Punsvan Simantonnyan Sanskar) कर्मकाण्ड भारतीय जीवन का प्रधान अङ्ग है। कर्मकाण्ड के अन्तर्गत भी गर्भाधान आदि संस्कार मानव के आद्योपान्त निर्माण एवं उसकी सद्गति के साधक है। भारतवर्ष में ग्रामों से लेकर महानगरों तक ये संस्कार सम्पन्न होते देखे जाते हैं; किन्तु प्रायः यह दृष्टिगत होता है, कि ग्रामों में ही क्या नगरों में भी, प्रायः ये संस्कार सम्यक् रूप से सम्पन्न नहीं होते। स्वभावतः, ग्रामों की स्थिति, नगरों की अपेक्षा, इस सम्बन्ध में अधिक शोचनीय है। इसका कारण यही है, कि ग्रामों में सम्यगधीत कर्मकाण्डी विद्वान् नहीं उपलब्ध हो पाते। इसका परिणाम यह होता है, कि कभी-कभी अधीत यजमान की कर्मकाण्ड एवं तथाकथित कर्मकाण्डी में अनास्था, अश्रद्धा हो जाती है। हमारे माननीय उच्च शिक्षा मन्त्री श्री ओमप्रकाश सिंह जी ने जो उच्च-शिक्षा के क्षेत्र में अपेक्षित परिवर्तन एवं परिष्कार के लिए कटिबद्ध हैं तथा अपने प्रयत्नों में पूर्णतया सफल हुए हैं, हमारा ध्यान कर्मकाण्डगत उक्त समस्या की ओर आकृष्ट कराते हुए, भारतीय संस्कारों की ऐसी लघु एवं सरल पुस्तिकाओं की रचना का परामर्श दिया, जिनके द्वारा सामान्य पढ़ा-लिखा व्यक्ति भी संस्कारों को सम्पन्न कर सके। इस कार्य को सम्पन्न करने में, मुझे अपने अध्यापकों से पूर्ण सहयोग मिला है।

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