Kumbha (कुम्भ सर्वजन-सहभागिता का विशालतम अमृतपर्व)
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Author | Ramanand |
Publisher | Pilgrims Publication |
Language | Hindi |
Edition | 1st edition, 2013 |
ISBN | 978-81-7769-671-4 |
Pages | 220 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 1 x 21 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | PGP0006 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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कुम्भ सर्वजन-सहभागिता का विशालतम अमृतपर्व (Kumbha) विश्व के सबसे बड़े धार्मिक मेले के विविध आयामों को देखने-दिखाने वाली पुस्तक ‘कुम्भ’ संभवतः हिन्दी में प्रकाशित पहली कृति है जो कुम्भपर्व और मानव समाज को समग्रता में प्रस्तुत करती है। कुम्भ पर्व के परिप्रेक्ष्य में भारतीय साधु-समाज की जो छवि यह पुस्तक प्रदर्शित करती है वह अन्यत्र दुर्लभ है।
विभिन्न स्रोतों से पुस्तक की विषय-वस्तु संकलित एवं समन्वित करने वाले श्री रामानन्द ने अपने अगाध पुस्तक-प्रेम, गंभीर स्वाध्याय, देश-विदेश की गहन यात्राओं, विद्वज्जनों के सान्निध्य और सर्जक स्वभाव के कारण न केवल लेखकों-पाठकों के एक विशाल वर्ग का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है अपितु भारतीय कला, साहित्य, संस्कृति और दर्शन को, जनसाधारण के लिए मूर्तिमान करके समकालीन परिवेश को गहराई और ऊंचाई के साथ आह्लाद और संवाद से समृद्ध भी किया है। ११ अप्रैल १९५७ को बेथर गांव (जनपद उन्नाव, उ. प्र.) के एक धर्मप्राण ब्राह्मण परिवार में जन्मे रामानन्द किशोरवय के छात्र जीवन में ही काशी में आकर पुस्तक व्यवसाय से जुड़ गये। इसी माध्यम से वे देश-विदेश में अपनी अद्भुत मनोहारी मानवीय दृष्टि और भारतीय संवेदना का उत्तरोत्तर विस्तार कर रहे हैं। इनके द्वारा संकलित सामग्रियों पर आधारित अन्य पुस्तकें है- सनातन संस्कृति, सनातन ध्यान एवं पूजा विधि, सनातन भजनावली, सनातन गंगा, सनातन नादविनोद, सनातन स्वास्थ्य और सनातन नीति एवं सुभाषित संग्रह।
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