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Laghu Parashari Madhya Parashari Sanyuta (लघुपाराशरी मध्यपाराशरी संयुता)

85.00

Author Pandit Siyaram Shastri
Publisher Bharatiya Vidya Sansthan
Language Sanskrit & Hindi
Edition 1st edition, 2017
ISBN 978-938-81189-68-9
Pages 188
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code BVS0201
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Description

लघुपाराशरी मध्यपाराशरी संयुता (Laghu Parashari Madhya Parashari Sanyuta) ‘ज्योतिषां नयनं स्मृतम्’ ज्योतिष वेद वेदांगों का नेत्र है। जिस प्रकार से गहन अन्धकार में रखी हुई वस्तु प्रकाश के द्वारा ही दृष्टिगोचर होती है, उसी प्रकार से जीवन की सम्पूर्ण घटनाओं को जानने हेतु ज्योतिष (ज्योति, प्रकाश) की परम आवश्यकता है। अतः ज्योतिष उडुशदशा (मार्ग) (विंशोत्तरी दशा) के द्वारा तथा जन्मपत्रिका में स्थित ग्रहों के भाव, बल आदि के द्वारा जातक के जीवन की सम्पूर्ण घटनाओं का ज्ञान किया जा सकता है।

अतः जातक के जीवन की सम्पूर्ण घटनाओं को जानने हेतु लघुपाराशरी एवं मध्यपाराशरी को अत्यन्त सरल शैली; यहाँ तक कि जन-साधारण के बोलचाल की भाषा तक का प्रयोग किया गया है, जिससे सामान्य जनगण भी विषय को समझ सकें। जातक का राजयोग, दारिद्रयोग, काहल योग, मालक योग आदि विविध योगों का इसमें समावेश किया गया है। प्रस्तुत ग्रन्थ में सर्वसाधारण हेतु सरल भाषा-शैली का अनुपम प्रयोग करके सान्वय विमला भाषा-टीका का लेखन किया गया है, जिसके द्वारा काल, दशा, मृत्युकारक योगादि का सरल एवं अल्प समय में अल्पज्ञ भी समझ सकेंगे।

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