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Mandukya Upanishad (माण्डूक्योपनिषद्)

50.00

Author -
Publisher Gita Press, Gorakhapur
Language Sanskrit & Hindi
Edition 36th edition
ISBN -
Pages 287
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 21 (l x w x h)
Weight
Item Code GP0048
Other Code - 69

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Description

माण्डूक्योपनिषद् (Mandukya Upanishad) माण्डूक्योपनिषद् अथर्ववेदीय ब्राह्मण भाग के अन्तर्गत है। इस में कुल बारह मन्त्र हैं। कलेवर की दृष्टि से पहली दस उपनिषदों में यह सबसे छोटी है। किन्तु इसका महत्त्व किसी से कम नहीं है। भगवान् गौडपादाचार्य ने इस पर कारिकाएँ लिख कर इसका महत्त्व और भी बढ़ा दिया है। कारिका और शाङ्करभाष्य के सहित यह उपनिषद् अद्वैत सिद्धान्त रसिकों के लिये परम आदरणीया हो गयी है। गौडपादीय कारिकाओं को अद्वैत सिद्धान्त का प्रथम निबन्ध कहा जा सकता है। इसी ग्रन्थ रत्न के आधार पर भगवान् शङ्कराचार्य ने अद्वैत मन्दिर की स्थापना की थी। यों तो अद्वैत सिद्धान्त अनादि है, किन्तु उसे जो साम्प्रदायिक मतवाद का रूप प्राप्त हुआ है उसका प्रधान श्रेय आचार्य प्रवर भगवान् शङ्कर को है और उसका मूल ग्रन्थ गौडपादीय कारिका है।

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