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Naya Vishwanath Mandir Kyu? (नया विश्वनाथ मंदिर क्यों?)

40.00

Author -
Publisher Shree Kashivishwanath Vyaktigath Mandir
Language Hindi
Edition -
ISBN -
Pages 96
Cover Paper Back
Size 14 x 1 x 21 (l x w x h)
Weight
Item Code KJM0009
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Description

नया विश्वनाथ मंदिर क्यों? (Naya Vishwanath Mandir Kyu?) प्रथम विश्वनाथमन्दिर कहाँपर था- इसका कोई भी ऐतिहासिक पुष्ट प्रमाण नहीं मिलता है। छठी शताब्दीमें भारत आये चीनी यात्री ह्वेनसांगके लेखसे अनुमान लगाया जाता है कि प्रथम विश्वनाथमन्दिर मणिकर्णिका, श्मशानघाटके निकट कहीं था। सन् १९९३ ई० में मुहम्मद गोरीके सेनापति कुतुबुद्दीन ऐबकने इस मन्दिरको तोड़ दिया था। इसके बाद ४०० वर्षतक काशीमें विश्वनाथजीका कोई विशाल मन्दिर नहीं था। छोटे-छोटे मन्दिरोंमें आस्तिक लोग दर्शन-पूजन किया करते थे। वे भी समय-समयपर विधर्मी शासकोंद्वारा नष्ट कर दिये जाते थे। १६वीं शताब्दीमें काशीविश्वनाथका कोई छोटा मन्दिर भी नहीं रह गया था।

सन् १५८५ ई०में सम्राट् अकबरके अर्थमन्त्री टोडरमलके सहयोगसे त्रिस्थलीसेतुकार श्रीनारायणभट्टने ज्ञानवापीके प्रांगणमें एक विशाल विश्वनाथमन्दिर बनवाया। इस विशाल मन्दिरको सन् १६६९ ई० में धर्मान्ध मुगलशासक औरंगजेबद्वारा खण्ड-खण्ड करके उसपर मस्जिद बनवा देनेके बाद सन् १७७७ ई० तक अर्थात् लगभग ११० वर्षोंतक शिवभक्त ज्ञानवापीकुण्डमें ही जल चढ़ाया करते थे। सन् १७७७ ई० में इन्दौरकी महारानी देवी अहिल्याबाईने वर्तमानमें स्थित यह प्राचीन मन्दिर बनवाया और नार्मद बाणलिंगकी शास्त्रीय विधिसे प्रतिष्ठा करवायी। तबसे लेकर सनातनधर्मी आस्तिक्रजनोंद्वारा इस मन्दिर में भगवान् विश्वनाथकी पूजा-अर्चा-उपासना होती रही।

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