Loading...
Get FREE Surprise gift on the purchase of Rs. 2000/- and above.
-15%

Pancha Tantram (पञ्चतन्त्रम् अपरीक्षितकारकं नाम पञ्चमं तन्त्रम्)

Original price was: ₹125.00.Current price is: ₹106.00.

Author Kanjiv Lochan
Publisher Chaukhamba Sanskrit Sansthan
Language Sanskrit & Hindi
Edition 2022
ISBN 978-93-81608-23-4
Pages 182
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code CSS0020
Other Dispatched in 1-3 days

10 in stock (can be backordered)

Compare

Description

पञ्चतन्त्रम् (Pancha Tantram) अपरीक्षितकारकम् नामक यह रचना विश्वख्यात पंचतंत्र का अंतिम वा पांचवा तंत्र हैं। भारत के सभी कोनों में लोग पंचतंत्र को जानते है और इसकी लगभग 75 कहानियों में से किसी न किसी कहानी की पूर्णतः अथवा अंशतः गूँज अपने देश की सभी भाषाओं के साहित्य में विद्यमान है। प्रभाव और प्रसिद्धि के मामले में दुनिया भर की नीति कथाओं एवं पशु-पक्षी कथाओं (जिसे अँग्रेज फेबल कहते है) पंचतंत्र का स्थान अद्वितीय और चुनौती रहित है। यह भारतीयों का गौरव ही है।

पंचतंत्र की कहानियों को विभिन्न रूपों में सम्पादित किया गया है। विद्वानों ने इसके दक्षिणात्य, पहलवी, नेपाली, आदि कई पाठों की चर्चा की है। ‘बृहत्कथा’ और ‘हितोपदेश’ नाम से प्रसिद्ध रचनाओं में भी पंचतंत्र की स्पष्ट छाप है। इन तमाम पाठ भेदों एवं पाठान्तरों के बीच 1199 ई0 में प्रणीत जैन मुनि पूर्णभद्र की रचना सबसे सकल एवं प्रामाणिक मानी जाती है। पंचतंत्र जैसा नाम से ही स्पष्ट है, पाँच भागों वा तंत्रों में बँटा है:

1. मित्रभेद अर्थात दोस्तों में वैर कराने वाले (सियार) की कथा

2. मित्रसम्प्राप्ति अर्थात विभिन्न प्राणियों की एकजुटता की कहानी

3. कौए और उल्लू की कथा (जिसमें उल्लू का अंत हो जाता है)

4. लब्धप्रणाश अर्थात् पायी हुई वस्तु को खोने की कहानी

5. अपरीक्षितकारकम् अर्थात बिना सोचे-बूझे काम को करने से होने वाली हानियों की कहानियाँ।

इन तंत्रों में अपरीक्षितकारकम् को सबसे अधिक प्रतिष्ठा मिली है।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Pancha Tantram (पञ्चतन्त्रम् अपरीक्षितकारकं नाम पञ्चमं तन्त्रम्)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Quick Navigation
×