Prashad Ke Kavyo Me Vkrokti Siddhant (प्रसाद के काव्यों वक्रोक्ति सिद्धान्त)
₹255.00
Author | Dr. (Smt.) Savita Divedi |
Publisher | Vishva Bharati Research Institute |
Language | Hindi |
Edition | 1st edition, 2007 |
ISBN | 978-81-85246-50-5 |
Pages | 254 |
Cover | Hard Cover |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | VBRI0006 |
Other | Dispatched In 1-2 Days |
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प्रसाद के काव्यों वक्रोक्ति सिद्धान्त (Prashad Ke Kavyo Me Vkrokti Siddhant) डॉ० सविता द्वारा लिखित ‘प्रसाद के काव्यों में वक्रोक्ति-सिद्धान्त’ शोध-ग्रन्थ के द्वारा वक्रोक्ति-सम्प्रदाय के उद्भव और विकास, विभिन्न सम्प्रदायों एवं पाश्चात्त्य अभिव्यंजनावाद से तुलनात्मक विवेचन के साथ ही वक्रोक्ति-सम्प्रदाय के सैद्धान्तिक पक्ष पर विस्तार से विवेचन प्राप्त होता है। वक्रोक्ति जैसे गूढ़ विषय पर श्रीमती डॉ० सविता द्विवेदी द्वारा लिखा गया यह ग्रन्थ उनकी विलक्षण क्षमता का परिचायक है।
वक्रोक्ति के सैद्धान्तिक पक्ष के साथ ही प्रसाद के काव्यों का मूल्यांकन वक्रोक्ति के आधार पर किया गया है। प्रसाद ने कुन्तक के वक्रोक्ति-सिद्धान्त को हिन्दी में जीवत्त किया है। डॉ० सविता द्विवेदी द्वारा लिखा गया यह ग्रन्थ अपने विषय पर सुस्पष्ट और विशद रूप से प्रकाश डालता है। यह ग्रन्थ नितान्त मौलिक है तथा अछूते विषय पर लिखा गया है। आशा है विद्वानों के मध्य इस ग्रन्थ को सम्यक् प्रतिष्ठा प्राप्त होगी।
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