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Shri Gyaneshwari (श्रीज्ञानेश्वरी)

150.00

Author -
Publisher Gita Press, Gorakhapur
Language Sanskrit & Hindi
Edition 15th edition
ISBN -
Pages 832
Cover Hard Cover
Size 14 x 3 x 21 (l x w x h)
Weight
Item Code GP0019
Other Code - 1796

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Description

श्रीज्ञानेश्वरी (Shri Gyaneshwari) श्रीमद्भगवद्गीता सर्वलोकनियन्ता, आनन्दघन, भक्तवत्सल भगवान्के श्रीमुखसे निःसृत दिव्य वाणी है। भगवान्‌के द्वारा अर्जुनको जो तत्त्वात्मक उपदेश प्रदान किया गया है उसके भाव परम गहन तथा गूढ़ हैं। गीतामें सभी परमार्थ-पथिकों एवं लोकपथ-प्रदर्शक आचार्योंको अपने सिद्धान्तका समर्थन दृष्टिगोचर होता है। ऐसी महान् विश्व- कल्याणकारिणी गीताके अगाध रसज्ञान-सागरमें अवगाहन कर महाराष्ट्रके सन्त श्रीज्ञानेश्वरजी महाराज द्वारा विरचित ज्ञानेश्वरी तत्त्वरत्नोंकी भण्डार है। गीताके रहस्यमय तत्त्वज्ञानसे परिचित करानेमें न केवल महाराष्ट्र, अपितु सम्पूर्ण विश्वमें ‘ज्ञानेश्वरी’ का विशेष स्थान है। मराठी भाषामें तो इस दिव्य ग्रन्थके अनेक संस्करण गीताप्रेससे प्रकाशित हैं।

आज सुधी पाठकोंके बीच ज्ञानेश्वरीकी लोकप्रियता दिनोदिन बढ़ती ही जा रही है। हिन्दीभाषी पाठक सन्त श्रीज्ञानेश्वरजी द्वारा विरचित गीताके गूढ़ भावोंको जाननेके लिये उत्सुक रहते हैं, किन्तु ज्ञानेश्वरी-जैसे ग्रन्थका तत्त्वात्मक ज्ञान जाननेके लिये हिन्दी अनुवादका प्रायः अभाव-सा है। प्रस्तुत संस्करण पाठकोंकी उसी अभावकी पूर्तिकी दिशामें किया गया एक लघु प्रयास है। साधकोंसे विनम्र निवेदन है कि वे गम्भीरतापूर्वक इस ग्रन्थका अध्ययन एवं अनुशीलन कर भगवान्‌की ओर उन्मुख करानेमें प्रेरणास्त्रोत सन्त श्रीज्ञानेश्वरजी द्वारा वर्णित गीता-रहस्योंको समझ कर विशेष लाभ उठावें।

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