Shri Vidya Ratnakar (श्रीविद्यारत्नाकर:)
₹400.00
Author | Dattatreyanand Nath Sitaram Kaviraj |
Publisher | Sri Vidya Sadhna Peeth |
Language | Sanskrit |
Edition | 2016 |
ISBN | 13-978-81-923336-0-1 |
Pages | 558 |
Cover | Hard Cover |
Size | 15 x 3 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | KJM0001 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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श्रीविद्यारत्नाकर: (Shri Vidya Ratnakar) श्रीस्वामीजी महाराज ने वेदान्त, भक्ति एवं अष्टाङ्गयोग आदि साधन पद्धतियों द्वारा परमतत्त्व का साक्षात्कार कर लेने पर भी केवल लोककल्याण की भावना से श्रीविद्यासाधना पद्धति का अवलम्बन किया एवं पूर्ण विधि-विधान से श्रीयन्त्राधिष्ठात्री भगवती राजराजेश्वरी ललितामहात्रिपुरसुन्दरी का उच्चतम उपासना-क्रम अनुष्ठित किया तथा उत्तर भारत में विलुप्तप्राय श्रीविद्यासम्प्रदाय को अपने तपोबल से पुनः प्रतिष्ठापित किया और श्रीविद्यारत्नाकर जैसे ग्रन्थरत्न द्वारा श्रीविद्यासाहित्यनिधि को अभिवृद्ध एवं सुशोभित किया। श्रीस्वामीजी द्वारा रचित श्रीविद्यामन्त्रभाष्य का अवलोकन करने पर उनका तन्त्र-शास्त्र का गहन अध्ययन, प्रौढ़पाण्डित्य, तत्त्वज्ञता तथा रहस्यज्ञता सुस्पष्ट परिलक्षित होती है।
श्रीविद्यारत्नाकर का वैशिष्टय
श्रीविद्या साधना का पूर्ण क्रम प्रवर्तित करने के लिए विभिन्न पुस्तकों की अपेक्षा रहती है, परन्तु यह एक ही पुस्तक दीक्षाकाल से पूर्णाभिषेक पर्यन्त और प्रारम्भिक साधन विधानों का साङ्गोपाङ्ग सम्पादन करने के लिए समपेक्षित पद्धति की जिज्ञासा को परिपूर्ण करने में अपनी विशिष्टता से समवेत है।
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