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Shrimad Valmiki Ramayan (श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण)
₹404.00
Author | - |
Publisher | Gita Press, Gorakhapur |
Language | Hindi |
Edition | 45th edition |
ISBN | - |
Pages | 1184 |
Cover | Hard Cover |
Size | 19 x 5 x 27 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | GP0073 |
Other | Code - 77 |
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श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण (Shrimad Valmiki Ramayan) वाल्मीकि रामायण एक संस्कृत महाकाव्य है जिसकी रचना महर्षि वाल्मीकि ने की थी। हिंदू धर्म में रामायण का एक महत्वपूर्ण स्थान है जिसमें हम सबको रिश्तो के कर्तव्यों को समझाया गया है। रामायण महाकाव्य में एक आदर्श पिता, आदर्श पुत्र, आदर्श पत्नी, आदर्श भाई, आदर्श मित्र, आदर्श सेवक और आदर्श राजा को दिखाया गया है। इस महाकाव्य में भगवान विष्णु के रामावतार को दर्शाया गया है उनकी चर्चा की गई है। रामायण महाकाव्य में 24000 श्लोक और 500 उपखंड हैं जो कि 7 काण्ड में विभाजित हैं। इसका मूल उद्देश्य श्री राम के जीवन चरित्र से शिक्षा लेना एवं सनातन संस्कृति से परिचित कराना है। श्री वाल्मीकि रामायण एक धार्मिक ग्रन्थ के साथ विश्व के पुरातन इतिहास, भूगोल, ज्योतिष, दर्शन एवं सामाजिक व्यवहार की बड़ी सुन्दर जानकारी देता है।
वाल्मीकि रामायण का समय विद्वानों की मान्यता अनुसार त्रेतायुग माना जाता है। आदिशंकराचार्य और विद्वानों के मुताबिक भगवान विष्णु का राम अवतार श्वेतवाराह कल्प के सातवें वैवस्वत मन्वन्तर के चौबीसवें त्रेता युग में हुआ था। श्री राम का जीवन काल लगभग 1 करोड़ 83 लाख वर्ष पूर्व का है। इसके वर्णित प्रसंग में भुशुण्डि रामायण, पद्मपुराण, हरिवंश पुराण, वायु पुराण, संजीवनी रामायण और पुराणों से प्रमाण दिया जाता है।
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