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Stotra Ratnavali (स्तोत्ररत्नावली)
₹50.00
Author | - |
Publisher | Gita Press, Gorakhapur |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 97th edition |
ISBN | - |
Pages | 288 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 1 x 21 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | GP0115 |
Other | Code - 52 |
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CompareDescription
स्तोत्ररत्नावली (Stotra Ratnavali) महाकवि कालिदास के ‘स्तोत्रं कस्य न तुष्टये’ इस वचनके अनुसार विश्व में ऐसा कोई भी प्राणी नहीं है, जो स्तुति से प्रसन्न न हो जाता हो। राजनीति के ग्रन्थों में कहा गया है कि ‘साम’ या स्तुति के द्वारा राक्षस आदि भयंकर सत्त्व भी वशीभूत हो जाते हैं। इसीलिये दण्ड, भेद, दान आदि नीतियोंमें ‘साम’ या स्तुति- प्रशंसाको ही सर्वश्रेष्ठ माना गया है। अतएव वेदों से लेकर इतिहास, पुराण एवं काव्योंतक में सर्वत्र सूक्त एवं स्तोत्र भरे पड़े हैं, जिनका संग्रह एक महासमुद्र के समान होगा। प्रस्तुत ग्रन्थ में केवल गणेश, शिव, शक्ति, विष्णु, राम, कृष्ण एवं सूर्य आदि प्रमुख देवताओं के प्रसिद्ध स्तोत्रों का संग्रह किया गया है। अन्त में प्रकीर्ण स्तोत्रों में देवताओं के प्रातः स्मरण तथा कुछ ज्ञान प्रद आध्यात्मिक स्तोत्र भी दिये गये हैं। इस ९७ संस्करण में अकाल मृत्यु-रोगादि से रक्षा करने वाला परम उपयोगी एवं अनुभूत मृत्युंजय स्तोत्र भी संलग्न कर दिया गया है। इन स्तोत्रों के द्वारा आराधना किये जाने पर सभी देवता प्रसन्न होकर उपासक का परम कल्याण करते हैं। आशा है, पाठक-पाठिकाएँ इससे लाभ उठाने का प्रयास करेंगे।
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