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Tattva Mimansa Evam Gyan Mimansa (तत्त्वमीमांसा एवं ज्ञानमीमांसा)

Original price was: ₹215.00.Current price is: ₹180.00.

Author Prof. Kedarnath Tiwari
Publisher Motilal Banarasi Das
Language Hindi
Edition 2017
ISBN 978-81-208-2360-0
Pages 377
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 21 (l x w x h)
Weight
Item Code MLBD0064
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Description

तत्त्वमीमांसा एवं ज्ञानमीमांसा (Tattva Mimansa Evam Gyan Mimansa) ‘तत्त्वमीमांसा’ शब्द से ही स्पष्ट है कि इस नाम के विषय के अंतर्गत तत्त्व संबंधी मीमांसा की जाती है। ‘ तत्त्व’ से यहाँ तात्पर्य विश्व के मूल में निहित उस आधारभूत सत्ता या पदार्थ से है जिसके आधार पर समस्त विश्व के उद्भव, विकास आदि की समुचित व्याख्या की जा सकती है। इस प्रकार तत्त्वमीमांसा वह विषय है जिसके अन्तर्गत विश्व में निहित मूलभूत तत्त्व के स्वरूप, उसकी संख्या आदि के संबंध में विवेचना या छान-बीन की जाती है।

पुस्तक के शीर्षक का दूसरा अंश है ‘ज्ञानमीमांसा’। स्पष्ट ही उसके अंतर्गत ज्ञान-संबंधी मीमांसा या विवेचना होगी। जब भी हम तत्त्व के संबंध में कुछ विवेचना कर लेते हैं, तो स्वाभाविक रूप से यह प्रश्न उठता है कि तत्त्व का ज्ञान हमें कैसे होता है। अन्य विषय अपनी उपलब्धियों को कुछ सत्यों के रूप में हमारे सामने सिर्फ रख भर देते हैं, इस बात की छान-बीन नहीं करते कि इन सत्यों का ज्ञान कैसे हुआ या हुआ करता है। परन्तु दर्शनशास्त्र का यह स्वभाव है कि वह मौलिक और सूक्ष्म विवेचनों में प्रवेश करता है और किसी भी बात को मानकर नहीं चलता। इसीलिए तत्त्व-संबंधी खोज और विवेचना के बाद वह ज्ञान-संबंधी विवेचना भी करता है। इस सिलसिले में ज्ञान के स्वरूप, ज्ञान-प्राप्ति के साधन, ज्ञान की सत्यता-असत्यता आदि से संबंधित सारे प्रश्नों की विवेचना वह करता है। संक्षेप में पुस्तक की विषय-सूची निम्नलिखित है:-

भाग 1 परिचयात्मक (Introductory) : दर्शन का स्वरूप, विषय एवं उपयोग, दर्शन, विज्ञान तथा धर्म।

भाग 2 – तत्त्वमीमांसा (Metaphysics) : तत्त्व विज्ञान, विश्व विज्ञान, ईश्वर विज्ञान, कुछ तत्त्वमीमांसात्मक अवधारणाएँ, कुछ तत्त्वमीमांसात्मक समस्याएँ (Some Metaphysical Problems)

भाग 3 – ज्ञानमीमांसा (Epistemology) : संशयवाद तथा ज्ञान (Scepticism and Knowledge), ज्ञान क्या है? विश्वासों का औचित्य प्रमाणित करना मूलाधारवाद तथा संसक्ततावाद (Justifying Beliefs: Foundationalism and Coherentism), ज्ञान के स्रोत (साधन) (Sources of Knolwedge), ज्ञान के साधन-संबंधी कुछ सिद्धान्त (Some Theories Regarding Sources of Knowledge), विश्व का हमारा ज्ञान तथा ज्ञाता-ज्ञेय सम्बन्ध, कुछ प्रमुख अवधारणाएँ (Truth of Knowledge), कुछ प्रमुख अवधारणाएँ (Some Important Concepts), ज्ञान सम्बन्धी कुछ प्रमुख समस्याएँ (Some Important Problems Related to Knowledge).

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