Loading...
Get FREE Surprise gift on the purchase of Rs. 2000/- and above.
-20%

Vijigyasa (विजिज्ञासा)

100.00

Author Dr. Gopinath Kaviraj
Publisher Bharatiya Vidya Prakashan
Language Hindi
Edition 1st edition, 2021
ISBN -
Pages 110
Cover Paper Back
Size 13 x 0.5 x 21 (l x w x h)
Weight
Item Code TBVP0096
Other Dispatched In 1 - 3 Days

 

10 in stock (can be backordered)

Compare

Description

विजिज्ञासा (Vijigyasa) प्रस्तुत कृति बङ्गला में प्रकाशित ‘विजिज्ञासा’ का हिन्दी रूपान्तर है। जैसा कि डॉ० गोविन्द गोपाल मुखोपाध्याय द्वारा बंगला में लिखित और मेरे द्वारा हिन्दी में अनूदित निवेदन से स्पष्ट है कि विभिन्न समयों पर विभिन्न जिज्ञासुओं के प्रश्नों के उत्तर में गुरुवर्य महामहिम डॉ० गोपीनाथ जी कविराज ने जो आलोकित किया था उसी को यहाँ पाठकों के समक्ष शब्द रूप में रखने का प्रयास किया गया है।

१६७५ की बात है गुरु प्रवर ने बंगला से हिन्दी में अनुदित करने की आज्ञा दी थी। कहा था- “प्रकाशित करने से पहले मुझे दिखाना।” बंद की बात है कि जून, १९७६ में वे इस संसार से प्रस्थान कर गए। हिन्दी अनुवाद उनके दृष्टिपथ से नहीं गुजरा। परन्तु, मुझे विश्वास है कि स्थूल रूप से यदि वे मार्ग-दर्शन नहीं कर पाये, सूक्ष्म दृष्टि से वे पग-पग पर पथ-प्रदर्शक रहे हैं।

अनुवाद में जो कुछ सत्य, शिव और सुन्दर है, सब उनका है। जो कुछ अन्यथा है उसका उत्तरदायित्व मेरे ऊपर है। प्रकाशित पुस्तक के पठनान्तर की पाठकों की प्रतिक्रिया यदि मुझे जानने को उपलब्ध हो तो हादिक आभार प्रकट करूंगी।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Vijigyasa (विजिज्ञासा)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Quick Navigation
×