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Phal Deepika (फलदीपिका)

240.00

Author Pt. Siyaram Shastri
Publisher Bharatiya Vidya Sansthan
Language Sanskrit & Hindi
Edition 1st edition, 2018
ISBN 978-93-81189-56-6
Pages 342
Cover Paper Back
Size 14 x 3 x 21 (l x w x h)
Weight
Item Code BVS0008
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Description

फलदीपिका (Phal Deepika)

यथा शिखा मयूराणां नागानां मणयो यथा।
तथा वेदाङ्गशास्त्राणां ज्यौतिषं मूर्छिन तिष्ठति ॥ १॥

सम्पूर्ण वेद-वेदाङ्गों में ज्योतिष शास्त्र सर्वश्रेष्ठ है। ज्योतिष शास्त्र में गणित, जातक तथा संहिता-ये ३ स्कन्ध हैं। तीनों में संहिता सर्वोपयुक्त है। इसमें ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति के अनुसार शुभाशुभ बतलाया गया है। कहावत है कि ‘अदृष्ट का लेख कोई नहीं पढ़ पाता’, परन्तु जिस प्रकार दीपक के प्रकाश में तमसावृत वस्तुओं का स्वरूप अवलोकित होता है, उसी प्रकार से ज्योतिर्विज्ञान-रूपी दीपक का प्रकाश भी अदृश्य लेखरूपी तिमिरावरण को चीर कर भूत, भविष्य व वर्तमान में घटित होने वाली घटनाओं को प्रकाशित कर देता है।

जन्मपत्र में भावस्थ ग्रह का जातक के जीवन पर कैसा प्रभाव पड़ता है – प्रस्तुत फलदीपिका में इसी विषय का विस्तृत रूप से विश्लेषण किया गया है। इसमें ग्रहों के पारस्परिक सम्बन्ध, युति, अंश, उच्च-नीचादि स्थिति इत्यादि अनेक ज्ञातव्य विषयों का सम्यक् प्रकार से विश्लेषण किया गया है। विषयवस्तु को अधिकाधिक बोधगम्य बनाने का यहाँ प्रयत्न किया गया है। मानव-कृति दोषहीन नहीं होती, अस्तु सुविज्ञजनों से सानुरोध निवेदन है कि वे इस ग्रन्थ की त्रुटियों की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करने की कृपा करें, ताकि आगामी संस्करण में उसका निवारण किया जा सके।

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