Karma Kand Pradeep (कर्मकाण्ड प्रदीप:)
₹338.00
Author | Acharya Devnarayan Sharma |
Publisher | The Bharatiya Vidya Prakashan |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 2nd edition, 2023 |
ISBN | 978-93-88415-26-2 |
Pages | 432 |
Cover | Hard Cover |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | TBVP0006 |
Other | कर्मकाण्ड प्रदीपः (दशकर्मादिपद्धतिः 'श्रुति' हिंदीव्याख्याविभूषिता) |
10 in stock (can be backordered)
CompareDescription
कर्मकाण्ड प्रदीप: (Karma Kand Pradeep) ‘कर्म’ का मानव जीवन के साथ गहन एवं अविच्छिन्न सम्बन्ध है। गृहस्थ जीवन में बड़ी सावधानीपूर्वक देव तथा पितरों की संतुष्टि हेतु कर्म अपेक्षित हैं। जन्म से मृत्युपर्यन्त हमारे जीवन में नित्य, नैमित्तिक कर्तव्य कर्मों की एक विशिष्ट श्रृंखला है। इसके अन्तर्गत विविध संस्कार, देव-पितृकर्म, निर्माण कार्य, प्रायश्चित्त, दान आदि प्रमुख हैं। इन कर्मों की उपेक्षा नहीं की जा सकती। इन्हीं से हमारे जीवन में पूर्णता का भाव आता है तथा अभिलषित वस्तु की प्राप्ति भी होती है। उपर्युक्त सभी करणीय कर्मों का एकत्र संग्रह ‘कर्मकाण्ड प्रदीप’ ग्रन्थ में किया गया है। प्रमुख संस्कारों का सविधि वर्णन, ग्रहयाग, दान एवं प्रतिग्रहविधि, शान्तिकर्म, गोत्र एवं प्रवरज्ञान आदि इस ग्रन्थ की प्रमुख विशेषताएँ हैं। अन्यान्य ग्रन्थों की तुलना में एक साथ उपर्युक्त सभी विषयों का समावेश ग्रन्थ की महत्ता, विशिष्टता एवं उपयोगिता का सूचक है। कर्मकाण्ड-निष्णात विद्वानों के लिए यह ग्रन्थ अत्यधिक सहायक सिद्ध होगा।
Reviews
There are no reviews yet.