Karikavali (कारिकावली)
₹60.00
Author | Sri Suryanarayan Shukl |
Publisher | Chaukhamba Sanskrit Series Office |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 2021 |
ISBN | - |
Pages | 114 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | CSSO0139 |
Other | कारिकावली (प्रत्यक्षखण्डान्ता) |
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कारिकावली (Karikavali) इस भाग पर हमारे पूज्य पिताजी ने मयूख नामकी परीक्षोपयोगिनी संस्कृत टीका लिखी है। जिसके अनेकानेक संस्करण छप चुके हैं। फिर भी इस बार छात्रों के हितार्थ मैंने हिन्दी व्याख्या भी कर दी है। जहाँ तक बन पड़ा है हमने भाषा सरल और सुबोध ही बनानेका प्रयत्न किया है। इस प्रकार इस संस्करण के साथ सम्पूर्ण कारिकावली भी प्रकाशित हो रही है।
यों तो यह विषय दर्शनका है, श्री अम्बिकाप्रसाद वाजपेयीजी के शब्दों में कि ‘दर्शनका विषय हिन्दी में लिखने पर भी समझने के लिए शीर्षासन करना पड़ता है।’ यह तो यहाँ भी आवश्यक है।
हमने इसकी हिन्दी व्याख्या कर दी इसका यह अर्थ नहीं कि यह उपन्यास बन गई। किन्तु मुझे विश्वास है कि जो लोग गुरुओं से पढ़कर विचारने लगेंगे उन्हें इस हिन्दी टीकासे अवश्य सहायता मिलेगी।
इस अवसर पर हम संन्यासी संस्कृत कालेज के मन्त्री स्वामी श्रो धर्मानन्द जी महाराज को कभी नहीं भूल सकते जिन्होंने अपने विद्यालय में नवा स्थान बनाकर हमें नियुक्त किया और हमारे काशी रहने में सहायक बने।
साथ ही हम आदरणीय पण्डित श्री रामचन्द्र झा जी को हृदय से धन्यवाद देते है, जिन्होंने यह कार्य बड़ी शीघ्रता में सम्पन्न किया और सम्पादनमें सहायता प्रदान की। अन्त में हम श्री भगवान् विश्वनाथ जी के चरणों में नमस्कार करते हुए यह प्रार्थना करते हैं कि यह ग्रन्थ छात्रों का अधिक उपकारक सिद्ध हो।
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