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Hindutva (हिंदुत्व)
₹255.00
Author | VINAYAK DAMODAR SAVARKAR |
Publisher | Prabhat Prakashan Pvt. Ltd |
Language | Hindi |
Edition | First Edition |
ISBN | 9389982111 |
Pages | 144 |
Cover | Paper Back |
Size | 13.97 x 0.86 x 21.59 cm |
Weight | |
Item Code | AZ0020 |
Other | हिंदुत्व’ एकऐसाशब्दहै, जोसंपूर्णमानवजातिकेलिएआजभीअपूर्वस्फूर्तितथाचैतन्यकास्रोतबनाहुआहै।★✔✔इसशब्दसेसंबद्धविचार, महान्ध्येय, रीति-रिवाजतथाभावनाएँकितनीविविधतथाश्रेष्ठहैं। ‘हिंदुत्व’कोईसामान्यशब्दनहींहै।यहएकपरंपराहै।एकइतिहासहै।✔✔यहइतिहासकेवलधार्मिकअथवाआध्यात्मिकइतिहासनहींहै। ‘हिंदुत्व’शब्दकोउसीकेसमानकिसीअन्यशब्दकेसमतुल्यमानकरबड़ीभूलकीजातीहै।वैसेयहइतिहासमात्रनहींहै, वरन्एकसर्वसंग्रहीइतिहासहै‘हिंदूधर्म,यहशब्द ‘हिंदुत्व’सेहीउपजाउसीकाएकरूपहै, उसीकाएकअंशहै। ‘हिंदुत्व’ शब्दमेंएकराष्ट्र, हिंदूजातिकेअस्तित्वतथापराक्रमकेसम्मिलितहोनेकाबोधहोताहै।इसीलिए ‘हिंदुत्व’शब्दकानिश्चितआशयज्ञातकरनेकेलिएपहलेहमलोगोंकोयहसमझनाआवश्यकहैकि ‘हिंदू’किसेकहतेहैं।✔✔इसशब्दनेलाखोंलोगोंकेमानसकोकिसप्रकारप्रभावितकियाहैतथासमाजकेउत्तमोत्तमपुरुषोंने, शूरतथासाहसीवीरोंनेइसीनामकेलिएअपनीभक्तिपूर्णनिष्ठाक्योंअर्पितकी, इसकारहस्यज्ञातकरनाभीआवश्यकहै।प्रखरराष्ट्रचिंतकएवंध्येयनिष्ठक्रांतिधर्मावीरसावरकरकीलेखनीसेनिःसृत ‘हिंदुत्वकोसंपूर्णतामेंपरिभाषितकरतीअत्यंतचिंतनपरकएवंपठनीयपुस्तक| |
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