Geet Govindam (गीतगोविन्दम)
₹297.00
Author | Dr. Ramanand Sharma |
Publisher | Chowkhamba Krishnadas Academy |
Language | Hindi & Sanskrit |
Edition | 2016 |
ISBN | 978-81-218-0370-0 |
Pages | 258 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | CSSO0577 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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‘गीतगोविन्दम’ (Geet Govindam) विश्वसाहित्य की सम्मानित एवं महनीय कृति है। सन् ११४८ ई. में रचित इस कृति पर संस्कृत और हिन्दी में लगभग पचास टीकाएँ लिखी जा चुकी हैं। नारायणदास रचित ‘सर्वाङ्गसुन्दरी’ टीका (रचनाकाल सन् १३०७ ई.) में धृतदास रचित ‘सन्दर्भदीपिका’ टीका का अनेक स्थलों पर स्मरण एवं समालोचन मिलता है, जो उसे इससे पूर्ववर्ती ही सिद्ध करता है। तब से लेकर जीवानन्द विद्यासागर भट्टाचार्य रचित ‘गीतगोविन्दविवृत्ति’ (प्रकाशनकाल सन् १८८२ ई.) तक बंगाल और उड़ीसा में ही नहीं, देश के विभिन्न प्रान्तों में भी इस काव्यकृति पर टीका कार्य होता रहा। ‘गीतगोविन्द’ का अनुवाद विदेशी भाषाओं में भी होता रहा है। अंग्रेजी अनुवाद सर्वप्रथम विलियम जॉन्स ने किया जो सन् १७९२ ई. में प्रकाशित हुआ। तब से जर्मन, फ्रेंच, लैटिन और अंग्रेजी में इसके निरन्तर अनुवाद होते रहे। अन्तिम अंग्रेजी अनुवाद मोनिका वर्मा ने ‘द गीतगोविन्द ऑफ जयदेव‘ नाम से सन् १९६८ ई. में किया गया। विभिन्न भाषाओं में अनुवादों एवं भावानुवादों से विश्वस्तर पर कृति की महार्घता और लोकप्रियता दोनों ही प्रमाणित होती हैं। इतनी महत्त्वपूर्ण कृति का सुसम्पादन न हो पाना भारतवर्ष के संस्कृत-मनीषियों के लिए निश्चय ही अपमानजनक बात है। उन्हें चाहिए कि वे इस कृति का सुसम्पादित संस्करण प्रस्तुत करें, जिससे कृति के सम्यक् अनुशीलन का मार्ग प्रशस्त हो सके।”
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