Bharatiya Chitrakala Ke Mul Stotra (भारतीय चित्रकला के मूल स्त्रोत)
₹400.00
Author | Dr. Bhanu Agrawal |
Publisher | Algauridam Publication |
Language | Hindi & Sanskrit |
Edition | 1991 |
ISBN | 81-7217-000-9 |
Pages | 310 |
Cover | Hard Cover |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | TBVP0395 |
Other | Old & Rare Book |
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भारतीय चित्रकला के मूल स्त्रोत (Bharatiya Chitrakala Ke Mul Stotra) “विश्व साहित्य में संस्कृत साहित्य अति समृद्ध एवं अतुलनीय है। यह साहित्य न केवल बृहत्तर भारत में हो, वरन् विश्व के विद्वानों और रसिकों के हृदय में भी कला और साहित्य के प्रति अनन्तकाल से अनुराग जगाता रहा है, जो रसज्ञ और सहृदय हैं उनके हृदय में ही साहित्य एवं कला रस-संचार करती है बौर वे ही उसकी बाणी का ममें समझ पाते हैं।
भारतीय चित्रकला के समग्र अध्ययन के लिए उसकी प्रकृति, विधान और गास्त्रीय पृष्ठभूमि को ठीक-ठीक समझने के लिए आवश्यक है कि उसके मूल स्रोत भारतीय धर्म, दर्शन एवं संस्कृति को साथ मिलाकर देखा जाये । संस्कृत साहित्य में चित्रकला के विविध अंगों पर विवेचनात्मक उल्लेख मिलते हैं, जिनका विश्लेषणात्मक अध्ययन करना अत्यावश्यक है। चित्रकला के उदाहरणों से इनकी पुष्टि होती है, परन्तु उनके साथ-साथ अनेक ऐसे उपांगों का भी पता चलता है जिनका अभी तक कोई चाक्षुष प्रमाण नहीं मिला है। वस्तुतः ये दोनों एक दूसरे के पूरक है। साहित्यिक संदों से इन चित्रों की और उनकी परम्पराओं की कुंजी मिल जाती है। संस्कृत साहित्यों में
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