Brihad Vakahada Chakram (बृहदवकहडाचक्रम्)
₹106.00
Author | Siyaram Shastri |
Publisher | Bharatiya Vidya Sansthan |
Language | Hindi & Sanskrit |
Edition | 2022 |
ISBN | - |
Pages | 148 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 4 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | BVS0232 |
Other | Dispatched in 3 days |
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CompareDescription
बृहदवकहडाचक्रम् (Brihad Vakahada Chakram) “ज्योतिषां नयनं स्मृतम्” यह सर्वविदित है कि वेदविहित धर्म के ज्ञान के लिए यह उक्त सिद्धान्त अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। व्यावहारिक जगत् के उचितानुचित सम्यक् ज्ञान के लिए नेत्र की आवश्यकता होती है, जिसके द्वारा सर्वसंभव होता है। अतः इस कनिष्ठ पुस्तक ‘बृहदवकहडा-चक्रम्’ के अध्ययन से ही मुहूर्त सम्बन्धी सकल कार्य सामान्यतया सम्पन्न होता है। इसके निम्न साधन होते हैं-
१. पञ्चाङ्गस्थ ग्रह-नक्षत्रयोगादि के द्वारा। २. स्वर साधन द्वारा। ३. प्रश्न द्वारा। ४. अंगस्पर्श द्वारा। ५. हस्तरेखा द्वारा।
उपर्युक्त साधनों के अन्तर्गत पञ्चाङ्ग का विशेष महत्त्व होता है। स्वदेश के संस्कृति की विशिष्टता होने के कारण सकल संस्कार और यात्रादि में मुहूर्त शोधनार्थ ग्रामीण क्षेत्र में ब्राह्मण, विद्वान् व पुरोहितों के लिए यह पुस्तक अत्यन्त ही महत्त्वपूर्ण उपयोगी सिद्ध होगी।
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