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Namkaran Sanskar (नामकरण संस्कार)

30.00

Author Dr. Kunj Bihari Sharma
Publisher Sampurnananad Sanskrit Vishwavidyalay
Language Sanskrit & Hindi
Edition 1st edition
ISBN 81-7270-061-X
Pages 38
Cover Paper Back
Size 14 x 1 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code SSV0044
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Description

नामकरण संस्कार (Namkaran Sanskar) ‘द्वादशे एकादशे वाऽहनि पिता नाम कुर्यात्’ इस विधि के अनुसार इस संस्कार में शिशु का नाम रखा जाता है; क्योंकि बिना नाम के सांसारिक व्यवहार हो ही नहीं सकता। कहा भी गया है कि वस्तु का ज्ञान तभी हो सकता है, जब उसका लक्षण और प्रमाण हो। यह भी देखा जाता है कि जो किसी वस्तु का निर्माण करता है, उसके लक्षण और प्रमाण को देखकर ही नाम रखता है। ‘देवानां नामधा’ से यह स्पष्ट हो जाता है कि ईश्वर ने वेद से सभी पदार्थों के नाम रखे हैं, जितने भी पदार्थ हैं, उनके अनुरूप उन पदार्थों का नाम रखना चाहिए। वेदव्यास जी ने कहा है कि ‘शब्द इति चेन्नातः प्रभवात् प्रत्यक्षानुमानाभ्याम्’२। सभी वस्तुओं के नाम वेद के आश्रय से ही रखे गये हैं। इस प्रकार एक-दूसरे से पृथकता को पहचानने के लिए नामकरण-संस्कार का विधान कहा गया है

नामकरण का समय एवं विधि – पारस्कर गृह्यसूत्र के अनुसार शिशु का नामकरण दसवें दिन (सूतक के बाद) ब्राह्मणों को भोजन कराकर होता है। नामकरण दो या चार अक्षरों का होता है। पुरुषों का सम अक्षरों में तथा कन्या का नाम विषम अक्षरों का होना चाहिए। यथा- ‘युग्मानि त्वेव पुंसाम्, अयुजानि स्त्रीणाम्’। बौधायन के मतानुसार यह संस्कार दसवें अथवा बारहवें दिन होना चाहिए। नामकरण में आदि अक्षर घोष (कवर्ग, चवर्ग, टवर्ग, तवर्ग तथा पवर्ग) का आरम्भ से दो वर्ण छोड़कर शेषवर्ण तथा य, व, र, ल, ह में से हो, मध्य में अन्तस्थ वर्ण (य,र,ल,व) हो, दीर्घान्त नाम हो, कृदन्त हो, तद्धितान्त नहीं होना चाहिए।

मुहूर्त – अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, अनुराधा, हस्त, चित्रा, स्वाती, तीनों उत्तरा, पुनर्वसु, पुष्य, अभिजित्, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, रेवती नक्षत्रों में तथा सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार दिनों में एवं १/२/३/५/७/११/१२/१३ तिथियों में भद्रा छोड़कर शुभ लग्नों में नामकरण-संस्कार शुभ होता है।

प्रयोग – सूतक-निवृत्ति के दूसरे दिन उपर्युक्त शुभ मुहूर्त में नामकरण के निमित्त गणेश-पूजन से प्रारम्भ कर आभ्युदयिक श्राद्धान्त कर्मकाण्ड करें। तीन ब्राह्मणों को भोजन करावें तथा पिता उपर्युक्त प्रकार से कहे गए नियमों से कुमार का नामकरण करे।

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