Shree Sai Baba (श्री साँई बाबा)
₹30.00
Author | Baba Narayan Das |
Publisher | Shri Durga Pustak Bhandar Pvt. Ltd. |
Language | Hindi |
Edition | - |
ISBN | - |
Pages | 48 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 4 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | SDPB0016 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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श्री साँई बाबा (Shree Sai Baba) गीता के अष्टम् अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि जो प्राणी अपने मृत्यु के समय जीवन के अंतिम क्षणों में मुझे याद करते हैं वे मुझे प्राप्त होते हैं। उस समय वे जो कुछ भी दृश्य देखते हैं, जैसी भी कल्पना करते हैं, वही सब पा लेते हैं। हमारे साईं बाबा भी ऐसे ही थे। पृथ्वी पर उनका अवतरण उस समय हुआ, जब चारों ओर पाप की कालिमा व्याप्त थी। लोग दुःखों और निराशा के सागर में डूबते हुए त्राहि-त्राहि कर रहे थे कि हे प्रभो ! हमारी रक्षा करो, रक्षा करो। यह पुकार ईश्वर के दरबार में पहुँची तो वहाँ से मानव जाति के कल्याण के आदेश हुए। मुक्ति के लिए किसी अवतार की आवश्यकता जान पड़ी। उसी समय सभी देवता एवं श्री नारायण आदि की कृपा से, कोंकण क्षेत्र के शिरडी नामक स्थान पर एक युग पुरुष ने अवतार धारण किया जो प्रभु का ही दूसरा रूप था । कोंकण वही पवित्र भूमि है जिसे भगवान परशुराम ने सागर से निकाल कर स्थापित किया था। आज उन्हीं अवतारी पुरुष साईं बाबा की यह कथा आरम्भ करते हुए मैं सब देवगणों, ऋषियों, मुनियों के साथ-साथ प्रभु को शत-शत नमन करता हूँ, जिन्होंने हमारे साईं बाबा को अवतार धारण करवाकर दीन- दुखियों के कल्याण के लिये धरती पर भेजा।
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