Loading...
Get FREE Surprise gift on the purchase of Rs. 2000/- and above.
-10%

Bhakti Rasa Shastra Ki Acharya Parmpara (भक्तिरसशास्त्र की आचार्य परम्परा)

625.00

Author Tek Chand Meena
Publisher Vidyanidhi Prakashan, Delhi
Language Hindi
Edition 2015
ISBN 978-9385539015
Pages 252
Cover Hard Cover
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code VN0026
Other Dispatched in 1-3 days

 

10 in stock (can be backordered)

Compare

Description

भक्तिरसशास्त्र की आचार्य परम्परा (Bhakti Rasa Shastra Ki Acharya Parmpara) संस्कृत काव्यशास्त्र की मुख्यधारा भक्ति रस को तदुचित स्थान देने में विफल प्रतीत होती है परन्तु रूपगोस्वामी, कविकर्णपूर तथा मधुसूदन सरस्वती की आचार्य-त्रयी ने भक्ति विषयक वैचारिक एवं दार्शनिक पृष्ठभूमि में अनेक स्वतन्त्र सिद्धान्तों का प्रवर्तन करते हुए काव्यशास्त्र के पृथक् से प्रस्थान की सृष्टि कर डाली है। इनका सम्बद्ध शास्त्र-कर्म की विद्वत्समवाय में भक्तिरसशास्त्र के नाम से अभिहित है।

प्रस्तुत ग्रन्थ भक्तिरसशास्त्र के सन्दर्भ में इस आचार्य – परम्परा के अवदान पर अवधानपूर्वक दृष्टिपात करता है। अपने विचारों में ये आचार्य यदि कहीं परस्पर प्रभाव भी ग्रहण करते हैं तो कहीं सर्वथा स्वतन्त्र होकर स्वमत का उपन्यास भी करते हैं। इनकी मेधा के प्रताप से ही भक्ति ने भाव से रस तक ही यात्रा सम्पन्न की है।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Bhakti Rasa Shastra Ki Acharya Parmpara (भक्तिरसशास्त्र की आचार्य परम्परा)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Quick Navigation
×