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Prachin Bharatiya Pratima Vigyan Evam Murti Kala (प्राचीन भारतीय प्रतिमा विज्ञान एवं मूर्ति कला)

340.00

Author Dr. Brij Bhushan Shirvastav
Publisher Vishwavidyalay Prakashan
Language Sanskrit & Hindi
Edition 7th edition, 2022
ISBN 978-93-5146-096-1
Pages 415
Cover Paper
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code VVP0081
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Description

प्राचीन भारतीय प्रतिमा विज्ञान एवं मूर्ति कला (Prachin Bharatiya Pratima Vigyan Evam Murti Kala) प्राचीन भारतीय प्रतिमा-विज्ञान एवं मूर्ति-कला पर हिन्दी में कुछ पुस्तकें इससे पहले लिखी गयी हैं, किन्तु विषय-वस्तु के प्रतिपादन की दृष्टि से उनका अधिक महत्त्व नहीं है, कारण, उनमें विषय से सम्बन्धित सभी पहलुओं पर पर्याप्त प्रकाश नहीं डाला गया है। प्रस्तुत ग्रन्थ में डॉ० बृजभूषण श्रीवास्तव ने भारतीय प्रतिमा-विज्ञान एवं मूर्ति-कला का सांगोपांग अध्ययन प्रस्तुत करने का प्रयास किया है जो छात्रोपयोगी तो है ही साथ ही इस क्षेत्र में शोध करने वाले लोगों के लिये भी काफी उपयोगी सिद्ध होगा।

यद्यपि लेखक का उद्देश्य प्राचीन भारतीय प्रतिमा-विज्ञान और मूर्ति-कला पर कोई शोध-ग्रन्थ प्रस्तुत करना नहीं है, फिर भी यह निस्संदेह कहा जा सकता है कि पुस्तक बड़े ही मनोयोग और परिश्रम से लिखी गयी है, जिससे इस विषय में रुचि रखने वाले सभी जिज्ञासु लाभान्वित होंगे। यत्र-तत्र बिखरी विविध मूर्तियों को प्रकाश में लाने वाले विद्वानों और कला-विचारकों की एतद्विषयक व्याख्याओं एवं आलोचनाओं का उद्धरण देते हुए लेखक ने कई विवादास्पद समस्याओं पर अपने जो विचार प्रकट किये हैं, वे काफी सुलझे हुए, सारगर्भित और विचारणीय हैं। विष्णु, शिव, सूर्य, देवी, गणपति, एवं स्कन्द-कार्तिकेय की प्रतिमाओं के साथ-साथ जैन-प्रतिमा, बौद्ध-प्रतिमा, सिन्धु सभ्यता की मूर्ति-कला, मौर्य, शुङ्ग, सातवाहन, कुषाण, गुप्त, पाल एवं चंदेलकालीन मूर्ति-कला का भी विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत किया गया है, जैसा कि इससे पहले किसी भी हिन्दी ग्रन्थ में नहीं किया गया।

पुस्तक की भाषा और शैली प्रवाहमयी एवं रोचक है, और मेरा विश्वास है कि छात्रों, जिज्ञासु अध्येता और विषय पर शोध करने वाले विचारकों द्वारा प्रस्तुत ग्रन्थ का स्वागत होगा। साथ ही यह ग्रन्थ लिखकर डॉ० श्रीवास्तव ने हिन्दी साहित्य-कोश को भी समृद्ध किया है, जिसके लिए वह असीम धन्यवाद के पात्र हैं।

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