Ashtangik Marg Aur Ashtang Yog (अष्टांगिक मार्ग और अष्टांग योग)
₹440.00
Author | Dr. Vishvajit Kumar Navin |
Publisher | Kala Prakashan |
Language | Hindi |
Edition | 2019 |
ISBN | 978-93-87199-36-1 |
Pages | 160 |
Cover | Hard Cover |
Size | 15 x 1 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | KP0012 |
Other | Dispatched In 1 - 3 Days |
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अष्टांगिक मार्ग और अष्टांग योग (Ashtangik Marg Aur Ashtang Yog) अपनी लेखनी के द्वारा बौद्ध धर्म के सत्य को वैज्ञानिक शैली में जाहिर करने का प्रयास डॉ. विश्वजीत कुमार नवीन की अपनी विशिष्टता रही है। इस पुस्तक में बौद्ध धर्म के आलम्बन “अष्टांगिक मार्ग और अष्टांग योग, के द्वारा जीवन को सहज मार्गो की ओर ले जाने के लिये प्रयत्नशील करवाता है।
आर्य अष्टांगिक मार्ग में कर्म-क्लेश एवं अकुशल कर्म का जहाँ अत्यन्त निरोध है, वही सम्यक्त्ता के द्वारा विशोधित शील का पालन मानवीय निरोगपूर्ण जीवन की वास्तविकता भी है। साथ ही मार बंधन से मुक्ति आज के जीवन में संशय, अप्रत्यक्षित भय आदि से दूर होने का मार्ग है, तो वहीं चार आर्य सत्य का ज्ञान और अनुभूत मात्र से जीवन की दृष्टि में परिवर्तन का उपाय मार्ग भी है, जिससे आज के जटिल जीवन में सहजता से जीया जा सकता है। इस प्रकार इस पुस्तक को मानवीय चिन्तन, कर्म और व्यवहार को सहज बनाने की दृष्टि से रचा गया है, जो कि अत्यन्त ही सहज शैली में प्रस्तुत है।
कहीं भी कोई शैलीगत या भावगत जटिलता नहीं है कि पाठको को समझने में कोई परेशानी होगी। लेखक की यह अपनी रचनात्मक शैली के वजह से यह संभव हो सका है, जोकि मानवीय जीवन को उपन्यास या कहानी के परिवेश सा सहज बना दिया है। ये पुस्तक वैयक्तिक चेतना के सम्पूर्ण विधान को अन्तर्निहित किये हुए हैं, इसलिये सामाजिक और व्यक्तिगत दोनों ही दृष्टि से उत्तम ग्रन्थ है।
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