Bhajan Sudha (भजन-सुधा)
₹70.00
Author | - |
Publisher | Gita Press, Gorakhapur |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 12th edition |
ISBN | - |
Pages | 383 |
Cover | Hard Cover |
Size | 14 x 2 x 21 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | GP0047 |
Other | Code - 1783 |
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भजन-सुधा (Bhajan Sudha) मन को उन्मार्गसे मोड़कर सन्मार्गपर लगाने तथा भगवत्प्रेमकी पीयूषधाराका रसपान कराने में प्रार्थना और भजन का विशेष महत्त्व है। भजन गायनकी रसमयी विधा मनुष्यको सांसारिक तापसे मुक्त करके भगवत्प्रेम के अनन्त रसमें निमग्न कर परम शान्ति का अखण्ड आश्रय प्रदान करती है। यही कारण है कि संत-भक्तोंके द्वारा किया गया भगवान्के नाम, रूप, लीला, धामका अखण्ड चिन्तन अनेक प्रकारके भाव-तरंगोंसे अनुप्राणित होकर भजनके रूपमें प्रस्फुटित हो जाता है। अनेक संत-महात्माओं के भाव-तरंगोंके भजनामृत पुष्पोंको चुनकर इस भजन-सुधाकी मालामें पिरोनेका प्रयास किया गया है। विभिन्न पुष्पों की इस दिव्य मालाको प्रातः स्मरण, प्रार्थना-भजन, श्रीगणेशजीके भजन, शक्ति (माताजी) के भजन, श्रीशिवजीके विभिन्न स्तोत्र, भजन, श्रीरामजीके भजन, श्री हनुमान जी के भजन, भगवान् श्री कृष्ण जी के भजन, गोपी गीत, झूलेके भजन, होलीके भजन, धमाल, विविध भजन तथा आरती एवं पुष्पाञ्जलि प्रकरणके अन्तर्गत पिरोकर प्रकाशित किया गया है।
यद्यपि गीताप्रेसके द्वारा पहलेसे भजनोंकी कई पुस्तकें प्रकाशित हैं, पर इस संग्रहकी विशेषता कुछ और ही है। आशा है, भगवत्प्रेमी पाठकोंको यह संग्रह भगवद्रसकी दिव्य रसानुभूति करानेमें समर्थ होगा। भगवत्प्रेमी समाजको इस संकलनके द्वारा अधिकाधिक लाभकी कामनाके साथ यह भजन-सुधा भगवद्भक्तों की सेवामें समर्पित है।
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