Saundrya Lahari (सौन्दर्य लहरी)
₹170.00
Author | Dr. Rudradev Tripathi |
Publisher | Ranjan Publication |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 1st edition, 2021 |
ISBN | - |
Pages | 224 |
Cover | Hard Cover |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | RP0055 |
Other | Dispatch In 1-3 days |
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सौन्दर्य लहरी (Saundrya Lahari) तन्त्र-साहित्य की परम्परा में सुप्रसिद्ध तथा सब प्रकार की सिद्धियों को प्राप्त करने का सर्वोत्तम साधन ‘सौन्दर्य-लहरी’ में विराजमान है। इस अद्भुत ग्रन्थ में वर्षों से साधना-पथ पर आगे बढ़ते हुए आपके सुपरिचित लेखक, मन्त्र-तन्त्र शास्त्रों के ग्रन्थकर्ता, डॉ. रुद्रदेव त्रिपाठी साहित्य-सांख्य- योग-दर्शनाचार्य, काव्य-पुराणतीर्थ, एम.ए. (संस्कृत तथा हिन्दी) पी-एच-डी०, लिट्, ‘तन्त्रागम-भास्कर’ ने अपनी गुरु-परम्परा एवं विभिन्न टीकाओं के समीक्षण से ‘सौन्दर्य लहरी’ के हृदय को प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया है।
प्रत्येक पद्य का हिन्दी भाषा में सरलार्थ, मन्त्र-दर्शन, यन्त्र की आकृति एवं साधना विधि, योग-दर्शन के संकेत, साहित्यिक विश्लेषण तथा अन्य विशिष्ट विषयों को बहुत ही सरल एवं रोचक भाषा में व्यक्त किया है। अति प्राचीनकाल से चली आ रही शाक्ततन्त्रसाधना के बहुमूल्य तथ्यों को इसमें पिरोया गया है। आज तक भारत और विदेशों में इसके रहस्यों को प्रकाश में लाने के लिए प्रौढ़ संस्कृत भाषा में चालीस से अधिक टीकाएँ लिखी गई हैं।
विदेशी विद्वानों ने गवेषणात्मक दृष्टि से अंग्रेजी, फ्रेंच आदि भाषाओं में अनुवाद भी किये हैं तथा अपने विचार दिये हैं। मराठी, गुजराती, हिन्दी, तमिल और अन्य भारतीय भाषाओं में इसके रहस्य की थाह पाने का प्रयत्न किया गया है। यह एक ही ग्रंथ आगम, मन्त्र, तन्त्र, यन्त्र, योग व साहित्यशास्त्र आदि के प्रामाणिक विषयों को उजागर करता है। शाक्त-साधना में सर्वोच्च स्थान प्राप्त श्रीयन्त्र (श्रीचक्र राज) की प्रामाणिक पूजा-अर्चना-प्रक्रियाओं का विभिन्न तन्त्रों में उपलब्ध साहित्य भी इसमें संगृहीत है।
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