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Kadambari Mahashweta Vritant (कादम्बरी महाश्वेतावृत्तान्तः)

140.00

Author Dr. Jamuna Pathak
Publisher Chaukhambha Krishnadas Academy
Language Hindi & Sanskrit
Edition 2016
ISBN -
Pages 384
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code CSSO0521
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Description

कादम्बरी महाश्वेतावृत्तान्तः (Kadambari Mahashweta Vritant) ‘गद्यं कवीनां निकषं वदन्ति’ गद्यकाव्य कवियों की काव्यप्रतिभा को परखने वाली कसौटी है। इस कसौटी पर खरा उतरने वाला कवि ही श्रेष्ठ कवि माना जाता है और उसकी रचना आदरणीय होती है। वस्तुतः गद्य-काव्य की रचना में कुशल कवि ही यथार्थतः सच्चा कवि होता है। महाकवि बाणभट्ट संस्कृत-गद्यकाव्य के क्षेत्र में अग्रगण्य हैं। उनकी कृति ‘कादम्बरी’ संस्कृत-गद्यकाव्य का सर्वोत्कृष्ट ग्रन्थ है। गद्य काव्य के क्षेत्र में यह संस्कृत-साहित्य की अमूल्य निधि है। ‘महाश्वेतावृत्तान्त’ इसी प्रन्थ का एक अंश है।

कादम्बरी – यह संस्कृत वाङ्मय का सर्वोत्कृष्ट गद्यकाव्य है। कादम्बरी का अर्थ है, – मदिरा, शराब। यह उपन्यास भो मदिरा की भाँति मादक है। कादम्बरी इस काव्य की नायिका है। उसी के नाम पर इस काव्य का अन्वयंक नाम ‘कादम्बरी’ रखा गया है। सम्पूर्ण कादम्बरी दो भागों में विभक्त है- (१) पूर्व-भाग (२) उत्तर-भाग। पूर्वभाग सम्पूर्ण ग्रन्थ का दो-तिहाई है, जो बाण की अपनी रचना है। कादम्बरी को पूरा करने के पूर्व ही बाण की मृत्यु हो गयी, अतः उनके पुत्र भूषणभट्ट ( अथवा पुलिन्दभट्ट) ने उत्तरभाग को लिखकर काव्य को पूरा किया।

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