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Bharatiya Darshan (भारतीय दर्शन)

190.00

Author Dr. Umesh Mishra
Publisher Uttar Pradesh Hindi Sansthan
Language Hindi
Edition 7th edition, 2017
ISBN 978-93-82175-96-4
Pages 504
Cover Paper Back
Size 14 x 3 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code UPHS0028
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Description

भारतीय दर्शन (Bharatiya Darshan) भारतीय संस्कृति और परम्परा को ‘सत्य की खोज की सनातन परम्परा’ के रूप में माना जाता है। आदिकाल से अनेकानेक अलौकिक प्रश्नों से भारतीय चिंतन मनन करता रहा है और जिस अनेकता में एकता के लिए भारत की आज विशिष्ट पहचान है, उसके आदि अंकुर इसी दार्शनिक परम्परा के बीच प्रस्फुटित हुए हैं। भारतीय दर्शन और परम्परा की अनेकानेक शाखाएँ और क्षेत्र विकसित होते रहे। इस व्यापक चिंतन ने भारतीयता को अतुलनीय पहचान दी और स्वाभाविक रूप से सारा विश्व आज इसमें अपने अस्तित्व की खोज करता है, उससे प्रेरणा लेता है, ऐसा प्रतीत होता है।

इस पुस्तक को १६ अध्यायों में विभक्त कर सम्पूर्ण भारतीय दर्शन को एक जगह संजोने का अत्यन्त सराहनीय प्रयास किया है। इन अध्यायों में भारतीय दर्शन के स्वरूप, वेदों के दार्शनिक विचार, भगवतगीता और उपनिषद आदि के उद्दात चिंतन, चार्वाक दर्शन, जैन दर्शन, बौद्ध दर्शन, वैष्णव और शैव दर्शन तथा समग्रता में भारतीय संस्कृति के आधार स्तम्भ सभी छः दर्शनों की सविस्तार चर्चा है। सरल सम्प्रेषणीय शब्दों में दर्शन जैसे गूढ़ विषय को प्रतिपादित करने में विद्वान लेखक को जो सफलता मिली है, इनकी प्रस्तुति में जिस तरह उन्होंने सभी पाठक वर्गों तक सफलतापूर्वक सभी जरूरी जानकारियाँ पहुँचाने का मूलभूत लक्ष्य ध्यान में रखा है, उससे इस पुस्तक की उपादेयता बढ़ जाती है।

इस पुस्तक के लेखक डॉ. उमेश मिश्र की भारतीय संस्कृति और दर्शन पर गहरी पकड़ रही है, उन्होंने इस अत्यन्त जटिल और व्यापक क्षेत्र में अवगाहन किया है। भारतीय दर्शन के स्वरूप, प्राचीनतम वेदों के दार्शनिक विचार, उपनिषद और गीता आदि के उदात्त चिंतन, चार्वाक, जैन, बौद्ध और भारतीय दर्शन की सनातन परम्परा के प्रतिनिधि दर्शनों वैशेषिक, न्याय, सांख्य, योग, अद्वैत और मीमांसा आदि पर डॉ. उमेश मिश्र ने अधिकारपूर्वक और विद्वता के साथ तथ्यों को संक्षेप में इस पुस्तक में प्रस्तुत किया है।

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