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Apabhramsa Vyakaran (अपभ्रंश व्याकरण)

463.00

Author Dr. Shaligram Upadhyay
Publisher The Bharatiya Vidya Prakashan
Language Hindi
Edition 2020
ISBN 978-93-88145-15-61
Pages 114
Cover Hard Cover
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code TBVP0400
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Description

अपभ्रंश व्याकरण (Apabhramsa Vyakaran) पुस्तक जैन दर्शन का एक अनमोल ग्रन्थ है। जिसके संपादक डॉ. शालिग्राम उपाध्याय जी है। इस पुस्तक में कुल 114 पृष्ठ है, हार्ड कवर संस्करण में उपलब्ध है। वर्त्तमान में पुस्तक का प्रथम संस्करण उपलब्ध है जो 2020 में प्रकाशित है। यह पुस्तक द भारतीय विद्या प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की गई है।

सूत्र, वृत्ति और उदाहरणों के हिन्दी अनुवाद के साथ 46 पृष्ठों की भूमिका; जिसमें वक्तव्य-हेमचन्द्र और उनके अपभ्रंश व्याकरण की विशेषताएँ-नाम रूप रचना, अपभ्रंश व्याकरणों पद्यों का साहित्यिक मूल्यांकन अपभ्रंश व्याकरणोंद्धृत पद्यों का स्त्रातः तुलनात्मक अध्ययन एवं अपभ्रंश साहित्य पर एक दृष्टि शीर्षक निबंध जुड़े हुए हैं। अन्त में अपभ्रंश व्याकरणांगत सूत्रानृकृमणिका, अपभ्रंश व्याकरणोद्धृत पद्यों की अनुक्रमणिका, अपभ्रंश शब्दावली की क्रमानुसार सूची भी संलग्न है।

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