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Kaivalya Darshanam (कैवल्य दर्शनम्)

81.00

Author Swami Shri Yukteshwar Giri
Publisher Yogoda Satsanga Society Of India
Language Hindi
Edition 2021
ISBN 978-81-89955-03-8
Pages 168
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code YSSI0007
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Description

कैवल्य दर्शनम् (Kaivalya Darshanam) परमहंस योगानन्दजी कैवल्यदर्शनम् के लिए लिखे अपने ‘दो शब्द’ में लिखते हैं, “सभी देशों के और सभी युगों के सद्‌गुरु अपने ईश्वरानुसंधान में सफल हुए हैं। निर्विकल्प समाधि की अवस्था में पहुँचकर इन सन्तों ने समस्त नाम-रूपों के पीछे विद्यमान अंतिम सत्य को अनुभव किया। उनके ज्ञान और आध्यात्मिक उपदेशों के संकलन संसार के धर्मशास्त्र बन गए। शब्दों के बहुवर्णी बाह्य आवरणों के कारण ये एक दूसरे से भिन्न प्रतीत होते हैं, परन्तु सभी परमतत्व के अभिन्न मूलभूत सत्यों को ही शब्दों में प्रकट करते हैं-कहीं खुले और स्पष्ट रूप से तो कहीं गूढ़ या प्रतीकात्मक रूप से।

“स्वामी श्रीयुक्तेश्वर…. सनातन धर्म के और ईसाई धर्म के शास्त्रों में निहित एकता को समझने के लिए विशेष रूप से सर्वतोपरि योग्य थे.. अपने मन के स्वच्छ टेबल पर इन शास्त्रो के पवित्र वचनों को रखकर अंतर्ज्ञानमूलक तर्क बुद्धि की छुरी से वे उनकी चीर-फाड़ कर सकते थे और इस प्रकार शास्त्रकार गुरुओं द्वारा व्यक्त किए गए सत्यों को पण्डितों द्वारा अंतर्विष्ट किए गए वचनों से और उनकी गलत व्याख्याओं से अलग कर सकते थे।”

हिन्दू एवं ईसाई धर्मग्रन्थों के समानार्थी उद्धरणों के अर्थनिरूपण द्वारा कैवल्यदर्शनम् पूर्व एवं पश्चिम की महान् धार्मिक शिक्षाओं की मूलभूत एकता को प्रदर्शित करती है। अतुलनीय ज्ञान एवं विवेचन के साथ स्वामी श्रीयुक्तेश्वरजी ने चेतना, ऊर्जा तथा जड़ पदार्थ के सार्वगौगिक क्रमविकास को-अनुभव के उन सभी आयामों को जिसे हम “जीवन” कहते हैं- विस्तार से स्पष्ट किया है।

स्वामी श्रीयुक्तेश्वरजी मानव एवं ब्रह्माण्ड के पूर्णतया सर्वागीण दृष्टि कोण के लिए एक ठोस आधार प्रस्तुत करते हैं-और यह भी दर्शाते हैं कि वह दृष्टिकोण कैसे शरीर, मन एवं आत्मा से प्राकृतिक जीवन जीने के तत्वों को बल प्रदान करता है। धर्म के गहनतम सत्यों में स्थित होते हुए भी यह दृष्टिकोण मानवी चेतना के विस्तरण को नियंत्रित करने वाली शारीरिक, मानसिक, नैतिक तथा आध्यात्मिक नियमों की स्पष्ट व्याख्या करके दैनंदिन जीवन में परिपूर्णता प्राप्त करने के लिए व्यावहारिक उपदेश प्रस्तुत करता है।

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