Purano Me Jyotish (पुराणों में ज्योतिष)
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Author | S. N. Khandelwal |
Publisher | Chaukhamba Sanskrit Series Office |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 1st edition, 2020 |
ISBN | 978-81-218-0448-6 |
Pages | 304 |
Cover | Paper Back |
Size | 18 x 2 x 23 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | CSSO0079 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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पुराणों में ज्योतिष (Purano Me Jyotish) ज्योतिष शास्त्र मुख्य रूप से तीन स्कन्धों वाला कहा गया है और इसका विस्तार चार लाख श्लोकों में हुआ है। इसके तीन स्कन्धों के नाम हैं- १. गणित (गणना, खगोलविज्ञान या सिद्धान्त ज्योतिष), २. जातक (होराशास्त्र) और ३. संहिता। इसका प्रथम जो गणित स्कन्ध है, उसमें गणना विषयक परिकर्म, ग्रहों की गतियों और तदर्थ स्फुट क्रियाओं की विधियाँ हैं। इसी में देश, दिशा एवं काल की गणना, आकाशस्थ चन्द्रमा और सूर्य के ग्रहण, उनका उदय, अस्त, छायाधिकार, चन्द्र श्रृंगोनति, ग्रहों की युतियाँ, पात (महापात, क्रान्तिसाम्य चक्रानुसार चन्द्र व सूर्य का पात) की गणनामूलक विधियाँ हैं।
दूसरे, जातक स्कन्ध के अन्तर्गत राशि और उनके भेद, ग्रहों की योनि, वर्ण, रूप एवं गुणादि, मानव और अन्यान्य योनियों का परिचय व उनमें जन्म, निषेक या गर्भस्थापन, जन्म, अरिष्ट (दुःख के पूर्वानुमान), आयुर्दाय, ग्रहादि की दशाएँ और उनका क्रम, कर्म और आजीविका, अष्टकवर्ग सहित राजयोग, नाभसयोग, चन्द्रयोग, प्रवज्यायोग, राशिशील, ग्रहदृष्टिफल, ग्रहों के भावफल, आश्रययोग और प्रकीर्णक विवरणों में अनिष्टयोग, स्त्री जन्मफल, निर्याण या देहान्त से सम्बन्धित मत, नष्टजन्म विधान एवं राशि के दसवें अंश या तीसरे भाव की संज्ञा द्रेष्काण के रूपारूप पर विमर्श होता है।
ज्योतिष का तीसरा संहिता स्कन्ध शास्त्ररूप है जिसमें सूर्यादि ग्रहचार, संवत्सर लक्षण, तिथि, वार, नक्षत्र, योग, तिथि के आधे (करण), मुहूर्त, उपग्रह, सूर्य संक्रमण (संक्रान्ति), गोचर, चन्द्रमा और तारा बल, समस्त लग्न व त्रऋतुओं से सम्बन्धित विचार होता है। इसके अतिरिक्त इसी के अन्तर्गत (मुहूर्तशास्त्र के विषयों में) गर्भाधान, पुंसवन, सीमन्तोन्नयन, जातकर्म, शिशु के नामकरण, अन्नप्राशन, चौलकरण, कर्णवेध, उपनयन, मौजीबन्ध, छुरिकाबन्ध, समावर्तन, पाणिग्रहण, देवप्रतिष्ठा, गृहलक्षण, यात्रा और त्रिविध प्रवेश तथा तत्काल वर्षा की सम्भावना के लक्षण, कर्मवैलक्षण्य एवं उत्पत्ति के लक्षण जैसे विषय होते हैं, जिनके बारे में यहाँ कहा जाएगा।
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