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Sanskrit Sahitya Ka Samagra Itihas Set of 2 Vols. (संस्कृत साहित्य का समग्र इतिहास 2 भागो में)

1,680.00

Author Radha Vallabh Tripathi
Publisher Chaukhamba Surbharati Prakashan
Language Snaskrit & Hindi
Edition 2020
ISBN 978-9389665123
Pages 1169
Cover Hard Cover
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code CSP0805
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Description

संस्कृत साहित्य का समग्र इतिहास 2 भागो में (Sanskrit Sahitya Ka Samagra Itihas Set of 2 Vols.) प्रस्तुत खंड में आधुनिक काल के संस्कृत साहित्य का जो विवरण प्रस्तुत किया गया है, वह इस तथ्य को रेखांकित करता है कि आज का संस्कृत साहित्य अनुपेक्षणीय तो है ही, अपनी असाधारण उपलब्धियों के कारण वह विश्वस्तरीय भी है। संस्कृत का आधुनिक साहित्य मात्रा और गुणवत्ता में इतना विपुल है कि उसका एक व्यक्ति के द्वारा एक ग्रन्थ में समग्र आकलन हो पाना सम्भव नहीं है। तथापि इस ग्रन्थ में इस साहित्य का सर्वाङ्गीण विवेचन करने का प्रयास किया गया है। संस्कृत में आधुनिक काल में लिखी गई मौलिक चिन्तनपरक या नवीन शास्त्रीय कृतियों पर पहली बार इस ग्रन्थ के द्वारा विमर्श प्रस्तुत हुआ है। संस्कृत में अनूदित साहित्य पर भी पहली बार इतनी विस्तृत चर्चा इसके द्वारा हुई है।

इस ग्रन्थ में उन्नीसवीं तथा बीसवीं शताब्दियों में विरचित संस्कृत की रचनाओं के साथ इक्कीसवीं शताब्दी में सन् २०२१ तक प्रकाशित नवीन संस्कृत साहित्य की भी यथासम्भव चर्चा की गई है। अभी तक संस्कृत के अद्यतन साहित्य का इतने विस्तृत रूप में समीक्षण अन्यत्र नहीं किया गया है। इक्कीसवीं शताब्दी के सृजनात्मक संस्कृत साहित्य की ग्रंथसूची विदुषी नेहल पंड्या के द्वारा तैयार की गई थी, जो अर्वाचीन संस्कृत साहित्य परिषद्, बडोदरा से २०११ में प्रकाशित है। आधुनिक संस्कृत साहित्य के सुधी अध्येता एस. रंगनाथ ने Bibliography of Sanskrit Works in the New Millennium नाम से एक अद्यतन सूची २०२० में प्रकाशित की, जिसमें इक्कीसवीं शती के दो दशकों में प्रकाशित संस्कृत के रचनात्मक मौलिक साहित्य की २९९ पुस्तकें सूचीबद्ध हैं। संस्कृत के प्रखर समीक्षक, कवि और चिन्तक प्रवीण पण्ड्या ने इक्कीसवीं शताब्दी में प्रकाशित संस्कृत में लिखे गये नये साहित्य की एक नवीनतम सूची निर्मित की है, जिसमें लगभग ४०० प्रविष्टियाँ हैं। इनमें २९ महाकाव्य, ९७ विविधकाव्य तथा काव्यसंकलन, सात गज़लों के संग्रह, बारह गीतसंग्रह, सत्ताइस मौलिक तथा अनूदित उपन्यास, ५८ मौलिक तथा अनूदित कथानिकाओं या कहानियों के संग्रह, आठ जीवनियाँ, तीन निबन्धसंग्रह, तीन यात्रावत्तान्त, चौबीस मौलिक तथा अनूदित नाटक, आठ काव्यशास्त्र विषयक मौलिक ग्रन्थ, ग्यारह बालसाहित्य की पुस्तकें तथा कतिपय विविध संकलन हैं।

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