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Sarvodaya (सर्वोदय)

20.00

Author Mahatma Gandhi
Publisher Sarv Sewa Sangh Prakashan
Language Hindi
Edition 3rd edition
ISBN -
Pages 36
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code SSSP0120
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Description

सर्वोदय (Sarvodaya) परिस्थिति के भेदानुसार उसकी बाह्य पद्धति में फर्क होता रहेगा। (विशिष्ट पद्धति के विषय में अनाग्रह सर्वोदय-विचार का एक मूलभूत तत्त्व ही है।) लेकिन उसका आन्तरिक रूप शाश्वत रहेगा। इस बारे में ‘स्वराज्य-शास्त्र’ में मैंने विवरण किया ही है। जयप्रकाशजी के इस निवेदन में उनके वैचारिक परिवर्तन की एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया हमें देखने को मिलती है। उसकी प्रतिध्वनि बहुतों के हृदय में उठनेवाली है। मेरा तो निश्चित मानना है कि अनेकविध एकांगी सद्विचारधाराएँ, परिपूर्णता की तलाश करती हुईं, आखिर सर्वोदय-समुद्र में विलीन होनेवाली हैं। जो भी हो, यह निवेदन पाठकों को सर्वोदय-विचार का गहराई से चिंतन करने की प्रेरणा देगा, ऐसा मुझे विश्वास है।

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