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Tuladan Godan Vidhi (तुलादान गोदानविधिः)

73.00

Author Dr. Ashok Kumar Gaud
Publisher Rupesh Thakur Prasad Prakashan
Language Hindi & Sanskrit
Edition 2013
ISBN 557-542-2392545
Pages 96
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code RTP0113
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Description

तुलादान गोदानविधिः (Tuladan Godan Vidhi) धर्मशास्त्र के ग्रन्थों में अनेकानेक प्रकार के दानों का वर्णन मिलता है जिसमें तुलादान और गोदान का अपना अलग ही महत्व है। तुलादान व गोदान करने से हजारों अश्वमेध यज्ञ और शताधिक वाजपेय यज्ञ का फल प्राप्त होता है। वैसे तो तुलादान और गोदान पर कोई भी संयुक्त पुस्तक प्रकाशित न हो पाई थी। अतः मैंने इस ‘तुलादांन-गोदानविधि’ में तुलादान और गोदान के सम्पूर्ण विषयों का समावेश किया है।

जब मनुष्य अत्यधिक असक्त होकर किसी गम्भीर रोग से ग्रसित हो जाता है और ज्योतिषियों के द्वारा बतलाए जाने पर जब वह किसी देवालय में तुलादान करवाता है, तो उसे निःसंदेह लाभ भी होता है। किन्तु तुलादान को करवाने के लिए एक सुयोग्य कर्मकाण्डी की आवश्यकता होती है, जो इस कर्म को भलीभाँति सम्पन्न करा सके। इसी प्रकार अत्यधिक अस्वस्थ होने पर या वृद्धावस्था के आने पर अथवा किसी यज्ञादि में हमारे शास्त्रकारों ने गोदान का विधान वर्णित किया है। यह गोदान कैसे और किस प्रकार किया जाए। इसी का पूर्ण शास्त्रीय विधान मैंने इस पुस्तक में प्रस्तुत किया है।

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