Sanatan Hindu Dharma Aur Bauddha Dharma (सनातन हिन्दू धर्म और बौद्ध धर्म)
₹136.00
Author | Shyam Sundar Upadhyay |
Publisher | Vishwavidyalay Prakashan |
Language | Hindi |
Edition | 2nd edition, 2024 |
ISBN | 978-93-87643-81-9 |
Pages | 181 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | VVP0137 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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सनातन हिन्दू धर्म और बौद्ध धर्म (Sanatan Hindu Dharma Aur Bauddha Dharma) पुस्तक के प्रथम पन्नों में धर्म का वास्तविक स्वरूप प्रस्तुत किया गया है। उसका विराट रूप जीवन के प्रत्येक पक्ष को सँजोए हुए है। लेखक ने बहुत ही चतुराई तथा विद्वत्ता से गिनती के पन्नों में धर्म का सच्चा रूप दर्शाया है। सनातन हिन्दूधर्म और बौद्धधर्म दोनों की आधारशिला कर्मफल का सिद्धान्त है। बौद्धधर्म द्वारा इस सिद्धान्त का पदार्पण अपने आपमें हिन्दूधर्म की गरिमा को दर्शाता है। हिन्दूधर्म की आधारशिला अभेद्य सिद्ध हुई है। कोई भी आने वाला धर्म उसके विपरीत जाने का चाहते हुए भी साहस नहीं बटोर सकता। दोनों धर्म तृष्णा को इस आवागमनरूपी चक्र के निरन्तर चलाने में मूल सहायक मानते हैं। कामना का त्याग रामबाण है हर व्याधि का। यह सहायक होता है जन्म, रोग और जरा से छुटकारा पाने में। तृष्णा को जीतने के लिए दोनों धर्म तीन मार्ग बताते हैं- भक्ति, कर्म और योग (ज्ञान) मार्ग।
हिन्दूधर्म ईश्वर में मन लगाने को और उसकी पूजा करने को विशेष महत्ता देता है। बौद्धधर्म बुद्ध में मन लगाने को और उसकी पूजा करने को कहता है। याद रखिए भगवान बुद्ध ईश्वर का ही रूप हैं। दोनों धर्मों में समता इसी बात से टपकती है कि दोनों में पूजा की विधि लगभग समान है। अन्तर केवल अलंकारों की कमी या अधिकता में निहित है और यह तो केवल देश, काल और पात्र के निमित्त से हुआ है। समय अँगड़ाई लेता रहता है और अपने साथ क्रिया-कलापों, मान्यताओं इत्यादि को भी लपेट लेता है। पर इन सबका मूल, सूक्ष्म स्वरूप वही रहता है।
सनातन हिन्दूधर्म की भाँति बौद्धधर्म भी निष्काम कर्म को प्राथमिकता देता है। दोनों धर्मो का उद्देश्य ज्ञानप्राप्ति है। योग द्वारा ज्ञानप्राप्ति परमानन्द की प्राप्ति करवाता है। दोनों धर्मों में चार आर्य सत्य हैं- संसार (दुःख), संसार हेतु (दुःख का कारण), मोक्षोपाय (रोग की दवा), मोक्ष (रोग से मुक्ति) बौद्ध सिद्धान्त भारतीय दर्शन परम्परा से विच्छिन्न नहीं है।
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