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Kadambari (कादम्बरी)

180.00

Author Dr. Narmdeshwar Kumar Tripathi
Publisher Bharatiya Vidya Sansthan
Language Sanskrit & Hindi
Edition 1st edition, 2019
ISBN 978-93-81189-64-1
Pages 386
Cover Paper Back
Size 18 x 2 x 24 (l x w x h)
Weight
Item Code BVS0044
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Description

कादम्बरी (Kadambari) संस्कृत-साहित्य में महाकवि बाणभट्ट का एक विशिष्ट स्थान है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि उपलब्ध रचनाओं में इनकी कृतियाँ महाकवियों के काल-निर्धारण में मील के पत्थर हैं। इनकी रचनाओं में हर्षचरितम् आख्यायिका है तो कादम्बरी कथा। हर्षचरितम् बाल-रचना है तो कादम्बरी प्रौढ-रचना है। बाणोच्छिष्टं जगत् सर्वम् यह उक्ति कादम्बरी के पाठकों को स्पष्ट प्रतीत होती है। गुणाक्य एवं सुबन्धु के प्रति महाकवि बाण के द्वारा आदर-प्रदर्शन यह प्रकट करता है कि महाकवि ने इन्हीं कवियों के आधार पर इस ग्रन्थरत्न की रचना कर संस्कृत-साहित्य में उच्च स्थान प्राप्त किया।प्रस्तुत ग्रन्थ में तीन जन्मान्तरों के काल्पनिक कथानक को प्रस्तुत कर महाकवि ने इस ग्रन्ध को कथा की कोटि में रखकर पाठकों के हृदय को विविध रसों से रञ्जित कर दिया है। इसलिए समीक्षकों की यह उक्ति कादम्बरी-रसज्ञानामाहारोऽपि न रोचते सार्थक हो जाती है। कादम्बरी और महाश्वेता तथा चन्द्रापीड और वैशम्पायन (पुण्डरीक) इस कथा के आधारस्तम्भ है।

यद्यपि इस ग्रन्थरत्न की अनेक व्याख्यायें एवं अनुवाद उपलब्ध है. फिर भी मैंने इसकी सुगम सरल व्याख्या प्रस्तुत की है। सन्दर्भ प्रसङ्गनिर्देशपूर्वक व्याख्या में समास, अलङ्कार को प्रदर्शित कर तथा अन्त में हिन्दी अर्थ को लिखकर मैंने इस ग्रन्थ को सर्वजनसंवेद्य बनाने का प्रयास किया है। अथ च. छात्रों की अपेक्षा को देखते हुए सभी आवश्यक वस्तुओं का इसमें समावेश किया गया है। आशा है कि इससे अध्यापकगण एवं छात्र-गण लाभ उठाकर मेरे प्रयास को सफल बनाकर अनुगृहीत करेंगे।

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