Nalchampu (नलचम्पू:)
₹280.00
Author | Dr. Acharya Dhurandhar Pandey |
Publisher | Bharatiya Vidya Sansthan |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 1st edition, 2011 |
ISBN | 978-93-81189-00-9 |
Pages | 850 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 4 x 21 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | BVS0068 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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नलचम्पू: (Nalchampu) इस टीका में संस्कृत व्याख्या के साथ प्रसङ्ग, अन्वय, पदार्थ, भावार्थ, भाषार्थ एवं टिप्पणी जैसे विषयों को यधास्थान समावेश कर दिया गया है। इसी टीका में यधास्थान सूक्तियों की हिन्दी व्याख्या कर पाठकों के समक्ष लाकर उपस्थित कर दिया गया है ताकि अध्येता समय-समय पर इन्हीं सूक्तियों को संबल बना कर अपने कण्टकाकीर्ण मार्ग को प्रशस्त कर सकें, क्योंकि ग्रन्थकर्ता लोकहित साधक होता है, फिर तो व्याख्याकार उन्हीं के पगचिह्नों पर चलकर कवि के लोकहित-चिन्तन को विस्तृत कर संसार में फैलाता रहता है, इससे कवि एवं व्याख्याकार दोंनों की ही कीर्ति प्रसारित होती रहती है।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर का समावेश होना अपरिहार्य हो गया है, अतएव इनका समावेश सुव्यवस्थित पद्धति से इस टीका के अन्त में कर दिया गया है। उपर्युक्त उन सभी विषयों का एकत्र समावेश हो, जिससे कि संस्कृत के परम्परागत छात्र-छात्राओं के साथ ही संस्कृत के सामान्य जिज्ञासु छात्र-छात्राओं के लिए भी सहायक सिद्ध हो, इसी अभाव की पूर्ति हेतु प्रकृत पुष्प पाठकों की सेवा में समर्पित की जा रही है। सम्भवतः ऐसी टीका जो कि समसामयिक दृष्टि को ध्यानस्थ कर सभी विषयों से संवलित हो ऐसी टीका अनुपलब्ध ही रही है। लेखक इसी अभाव की पूर्ति हेतु अपनी लेखनी को हाथ में थाम कर सरस्वती के समक्ष उपस्थित हुआ, जिसके फलस्वरूप यह टीका अपनी पूर्णता को प्राप्त कर सकी।
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