Shri Durga Mantra Raj Kalpa Tantram (श्रीदुर्गामन्त्रराजकल्पतंत्रम्)
₹280.00
Author | Ajay Kumar Uttam |
Publisher | Bharatiya Vidya Sansthan |
Language | Sanskrit |
Edition | 1st edition, 2010 |
ISBN | 81-87415-89-4 |
Pages | 302 |
Cover | Hard Cover |
Size | 14 x 2 x 21 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | BVS0043 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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श्रीदुर्गामन्त्रराजकल्पतंत्रम् (Shri Durga Mantra Raj Kalpa Tantram) प्रस्तुत ग्रन्थ में भगवती दुर्गा से सम्बन्धित अत्यन्त ही गोपनीय एवं उपयोगी सामग्री तान्त्रिक ग्रन्थों से संग्रहीत है। इस प्रन्थ में कुल मिलाकर ६ अध्याय है, जिनमें नवरात्र-विधि, पञ्चतत्त्व, सप्त- शती मन्त्र प्रयोग, चण्डी-विधान, महाकाल-संहिता में वर्णित पाठविधि, वाराही/मन्त्र की पाठविधि, कात्यायनी, तन्त्र-प्रयोग, प्रपञ्चसार तन्त्र का मन्त्र विधान, दुर्गा के मन्त्र विधान, वनदुर्गा मन्त्र-विधि। शारदा तिलक के मन्त्र’ विधान, दुर्गा पञ्चाङ्ग, श्रीदुर्गा के १०८ नाम, श्री दुर्गोत्सव विधि, श्रीरुद्रचण्डीपाठ एवं काम्य प्रयोगों का वर्णन किया गया है।
इस ग्रन्थ की मुख्य विशेषता श्रीरुगचण्डी का पाठ है। यह पाठ तम्त्रशास्त्र के महान् ग्रन्थ श्रीरुद्रयामल तन्त्र से यहाँ उद्धृत किया गया है। यह ग्रन्थ श्री महेश्वरानन्द की रचना है। श्री महेश्वरानन्द हिमालय के उच्चकोटि के योगी श्री निखलेश्वरानन्द जी महाराज के शिष्य है। वे वर्तमान समय में उच्च हिमालय की कन्दराओं में साधनारत हैं।
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