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Mangalwar Vrat Katha (मंगलवार व्रत कथा)

15.00

Author Shri Ram Ji Sharma
Publisher Shri Durga Pustak Bhandar Pvt. Ltd.
Language Hindi
Edition -
ISBN -
Pages 24
Cover Paper Back
Size 14 x 4 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code SDPB0037
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Description

मंगलवार व्रत कथा (Mangalwar Vrat Katha) यह भारत व्रतों का देश है। मास, वर्ष, संक्रान्ति, पार तिथि-सभी के व्रत है। प्रत्येक व्रत अपना- अपना, अलग-अलग महत्व तथा पृथक-पृथक फल रखता है। जन-साधारण व्रत से परिचित हैं। अपने यहाँ केवल तिथि-वार व्रत ही नहीं, रोग, महाकष्ट, असाध्य रोगों के समूल दमन के लिए भी व्रत हैं, जैसे महामारी रामन व्रत, मेदहर व्रत, यक्ष्मान्तक व्रत आदि। जब मानव के कष्टों से छुटकारा पाने के लिए औषधि आदि बेकार हो जातो है, तो व्रत के प्रभाव से उसे छुटकारा मिल जाता है।

मनुष्य को दुख का मिलना उसके पापों का फल है। व्रत करना उस पाप का प्रायश्चित करना है। प्रायश्चित करने से पाप और रोग दोनों ही चीण हो जाते हैं। प्रायभित में दान, व्रत, उपवास, जप, हवन और उपासना प्रमुख है, ये कार्य व्रत में किये जाते हैं। संसार-सागर में मानव को जीवन रूपी नौका को पार लगा देने वाली अगर कोई पतवार (बल्ली) है तो वह व्रत ही है। वारों के व्रत से अन्य देवी-देवताओं के व्रतों की भाँति मुख, ग्रारोग्य, सौभाग्य की वृद्धि होती है। मंगल जन्म-लग्न, वर्ष-लग्न महा-दशा अन्तर-प्रत्यन्तर दशा गोचर में ग्रह अनिष्टकारी हों, तो उसकी शान्ति के लिये मङ्गलवार का व्रत किया जाता है।

मंगलवार व्रत जब तक रख रहे हैं तब तक काले या सफेद वस्त्र धारण करने से बचें। मंगलवार व्रत के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान जी को बूंदी चढ़ाएं। मंगलवार व्रत में कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा नारंगी रंग का पूजा में प्रयोग करें। पूजा के दौरान नारंगी वस्त्र धारण करें और हनुमान जी को नारंगी रंग के फूल चढ़ाएं।

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