Mimansa Nyaya Prakash (मीमांसान्यायप्रकाश:)
₹325.00
Author | Dr. Radheshyam Chaturvedi |
Publisher | Chaukhamba Sanskrit Series Office |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 2nd edition, 2016 |
ISBN | 978-81-7080-061-7 |
Pages | 440 |
Cover | Paper Back |
Size | 13 x 2 x 21 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | CSSO0099 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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मीमांसान्यायप्रकाश: (Mimansa Nyaya Prakash) मीमांसा-न्याय-प्रकाश – यह एक प्रकरण ग्रन्थ है। ग्रन्थकर्ता आपदेव अपने ग्रन्थमें मीमांसा शास्त्रके दुरूह विषयोंका सरल प्रकारसे क्रमबद्ध रूपसे प्रस्तुत किया है। इसलिए यह ग्रन्थ पठन-पाठन प्रद्धतिमें अधिक प्रचलित है। इस ग्रन्थपर अनन्तदेवकृत ‘मीमांसान्यायप्रकाशवृत्ति’ प्राचीन संस्कृतटीका प्रसिद्ध है। चाहे मूल ग्रन्थ हो या टीका सर्वत्र नैयायिकों के तर्क तथा वैयाकरणोंकी शब्दव्युत्पत्तिकी पद्धतिका अवलोकन होता है ।
मीमांसान्याय-प्रकाशः ( छाया-ज्ञानवतीहिन्दीव्याख्यासहितः ) – प्रस्तुत संस्करण एक उत्तम संस्करण है। हिन्दीव्याख्याकारने मूलग्रन्थके हिन्दी अनुवाद को ‘छाया’ के नामसे प्रदर्शित किया है तथा विशेष विमर्श हेतु साथ में ‘ज्ञानवती’ हिन्दी व्याख्या की है जो कि अत्यन्त सरल और बोधगम्य है। आधुनिक विषयोंमें उत्सुकता रखनेवाले पाठकों के लिए स्थान-स्थानपर अंग्रेजी- के शब्दोंका प्रयोग भी व्याख्याकारने किया है तथा रेखाचित्रोंका भी अजून किया है जो कि अत्यन्त स्तुत्य है। इतना ही नहीं बल्कि व्याख्याकारने जो पूर्वपक्ष एवं उत्तर पक्षके रूप में व्याख्याकी पद्धति अपनायी है वह दर्शनीय है।
व्याख्याकारने भूमिका भाग में मीमांसा शास्त्र से सम्बन्धित ज्ञान के लिए विस्तृत भूमिका की रचना की है। इसके अवलोकन से पाठकों को मीमांसा शास्त्र के सम्बन्धमें विस्तृत ज्ञान हो सकता है। इस प्रकार से प्रस्तुत संस्करणके अवलोकन से हमारा दृष्टिकोण है कि यह संस्करण एक उत्तम संस्करण है। इति शिवम् ।।
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