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Vigyan Bhairav (विज्ञानभैरवः)

336.00

Author Shri Bapulal, Shri Ramchandra Dwivedi
Publisher Chaukhambha Surbharati Prakashan
Language Hindi & Sanskrit
Edition 2020
ISBN 978-93-85005-53-4
Pages 189
Cover Hard Cover
Size 14 x 4 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code CSSO0602
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Description

विज्ञानभैरवः (Vigyan Bhairav) संस्कृत-वाङ्मय के अध्ययन के प्रति प्रारम्भ से ही मेरी रुचि रही है। एम० ए० परीक्षा के लिए अध्ययन करते समय साहित्य के अतिरिक्त दर्शन ग्रन्थों के अध्ययन की लालसा भी मन में जगी। श्रद्धेय पूज्य गुरुवर डा० रामचन्द्र द्विवेदी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन के फलस्वरूप मैंने शैव-दर्शन के विज्ञानभैरव नामक आगम ग्रन्थ पर कार्य करने का निश्चय किया। यह ग्रन्थ महत्त्वपूर्ण होते हुए भी अभी तक हिन्दी अनुवाद से वंचित था। यद्यपि प्रस्तुत ग्रन्थ की उपलब्ध टीकाओं का उपयोग करते हुए तुलनात्मक अध्ययन द्वारा इस पर विशद ग्रन्थ लिखा जा सकता है, किन्तु मैंने अपने ज्ञान की सीमाओं और समय की परिधि के कारण इसके सटिप्पण अनुवाद के कार्य को ही करना उचित समझा है। अतः प्रस्तुत ग्रन्थ में विज्ञानभैरव तथा उसकी टीकाओं का हिन्दी में अनुवाद प्रस्तुत किया गया है, जो मेरा इस क्षेत्र में प्रथम प्रयास है।

शैवदर्शन के अध्येताओं ने ‘विज्ञान-भैरव’ में प्रतिपाद्य विषय के आधार पर इसे ‘काश्मीर-शैव दर्शन’ के अन्तर्गत माना है। काश्मीर-शैव-दर्शन के उद्भव एवं विकास के सम्बन्ध में यहाँ कुछ नहीं कहना है। विद्वानों ने इस सम्बन्ध में विशद प्रकाश डाला है। विज्ञान-भैरव का उल्लेख अभिनवगुप्त ने अन्य तन्त्र-ग्रन्थों के साथ किया है तथा इसमें प्रतिपादित विषय तन्त्र-साधना से सम्बन्धित है। अतः इसे तांत्रिक शैवमत का आधार ग्रन्थ कह सकते हैं। तांत्रिक शैवमत को समझने तथा अन्य तांत्रिक साधनाओं का तुलनात्मक अध्ययन करने में विज्ञानभैरव की विषय-वस्तु विशेष महत्त्व की है।

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