Brahmarishi Devraha Darshan (ब्रह्मर्षि देवराहा दर्शन)
₹51.00
Author | Dr. Arjun Tiwari |
Publisher | Vishwvidyalay Prakashan |
Language | Hindi & Sanskrit |
Edition | 2012 |
ISBN | 978-81-7124-846-9 |
Pages | 124 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | VVP0132 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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ब्रह्मर्षि देवराहा दर्शन (Brahmarishi Devraha Darshan) जब आनन्द में अवसाद, शान्ति में अशान्ति, योग में भोग की प्रवृत्ति बढ़ती है तो युगद्रष्टा गुरु की खोज में सभी विकल रहते हैं। ब्रह्मर्षि देवराहा बाबा इस कलियुग में अप्रतिम गुरु थे जो भगवत्स्वरूप थे जिनके दर्शन, स्पर्श और शुभाशीष से तत्व ज्ञान की प्राप्ति सम्भव थी। उनके अन्तःकरण से प्रस्फुटित वाणी में मानव पर मंत्रवत् प्रभाव डालने की क्षमता थी। वे भारतीय संस्कृति के विग्रह थे जो दया, ममता, कल्याण के स्त्रोत थे। पूज्य देवराहा बाबा का सर्वात्म दर्शन मानव में सद्भाव, प्रेम और विश्वशान्ति का उत्प्रेरक तत्व है जिसकी आज सर्वाधिक आवश्यकता है।
ब्रह्मर्षि देवराहा बाबा के नाम की जितनी प्रसिद्धि है, उनके परिचय की उतनी ही अल्पता है। उनके दिव्य व्यक्तित्व को सांगोपांग रूप में प्रस्तुत करने में डॉ० अर्जुन तिवारी का प्रयास प्रशंसनीय है। बाबा के शिष्य डॉ० तिवारी ने पत्रकार-सुलभ प्रवृत्ति के चलते युग-प्रवर्तक संत, भक्त और योगी की जीवन-गाथा को प्रामाणिक रूप में उपस्थापित किया है। श्रद्धाचंन, जीवन-जाह्नवी, सर्वात्मभक्ति-योग, प्रवचन- पीयूष, सुबोध कथा, सूक्ति-मुक्ता और अनुगतों की अनुभूति नामक अध्यायों में ब्रह्मर्षि से संदर्भित अनुकरणीय तथ्य हैं। पाण्डुलिपि को पढ़ते समय मुझे ऐसा लगा कि इसका प्रत्येक शब्द आध्यात्मिक अनुभूति से स्फूर्त है जिसके चिन्तन और मनन से मन को अलौकिक शान्ति मिलती है और चित्त निर्मल होता है।
देवत्व और मनुष्यत्व के सुभग समन्वय, ‘असीम दया’ के सम्बल, लोकमंगल के अवतार ब्रह्मर्षि देवराहा बाबा पर प्रस्तुत ग्रंथ कल्याण-कामी जनों के लिए अत्यन्त उपादेय सिद्ध होगा। इस संग्रहणीय पुस्तक के लेखक व प्रकाशक दोनों ही साधुवाद के पात्र हैं जिनके चलते धर्म, नैतिकता एवं साम्प्रदायिक सद्भाव से संवलित साहित्य का सृजन एवं संचारण हो रहा है।
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