Kala Evam Sanskriti Etihasik Pariprekshya (कला एवं संस्कृति ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य)
₹558.00
Author | Geeta Sharma & Shobha Singh |
Publisher | Vidyanidhi Prakashan, Delhi |
Language | Hindi |
Edition | 2021 |
ISBN | 978-9385539923 |
Pages | 272 |
Cover | Hard Cover |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | VN0021 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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कला एवं संस्कृति ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य (Kala Evam Sanskriti Etihasik Pariprekshya) पुस्तक लेखन का मूल लक्ष्य एवं प्रयोजन विलुप्त एवं विस्मृत होती संस्कृति को नवीन परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत करना है। राजस्थान की कला एवं संस्कृति का परचम सरहदों से परे है। “कला एवं संस्कृतिः ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य” उस परचम के अनेक पहलुओं को उजागर करने का लक्ष्य लेकर हमने यात्रा प्रारम्भ की। राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को शोध के माध्यम से नवमूल्यों की स्थापना के लिए कृतसंकल्प होकर।
राजस्थान के अनेक रंग है-अरावली पर्वत श्रृंखलाओं से लेकर विहगम रेगिस्तान की इस धरा पर साहित्य, कला, संस्कृति की अजस्त्र धारा अविरल बह रही है। परम्परा-इतिहास-संस्कृति समसामयिक धाराएं है-इनको सहेजने का कार्य समय-समय पर अनेक विद्वानों ने किया। फिर भी प्रत्येक लेखनी की क्षमता में छिपी गहराई कुछ नवीन तथ्यों पर प्रकाश डालने या समय के अंतस् में छिपी धारणाओं को पुनः निर्माण के साथ परम्पराओं का संवर्धन करने में अपनी सशक्त भूमिका का निर्वाह कर हमारी इस यात्रा को अपने शोध आलेखों द्वारा समृद्ध किया। आप सभी लेखकों का आभार। हृदयगम् आभार श्रद्धेय गुरुवर डा. नीलिमा वशिष्ठ जिनके मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद से यह कार्य प्रारम्भ एवं सम्पन्न हुआ। आभार डॉ. लाला शंकर गयावाल, सह आचार्य, संस्कृत, जिनके सहयोग एवं अमूल्य सुझावों से पुस्तक प्रकाशन के समस्त कार्य पूर्ण हुए। अंत में उन सभी हमारे स्नेहीजन का आभार जिन्होंने प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से इस पुस्तक प्रकाशन में हमारा सहयोग किया। प्रकाशित शोध आलेखों की समस्त जिम्मेदारी लेखकों की स्वयं की होगी तथा किसी भी विवादास्पद स्थिति में सम्पादक अथवा प्रकाशक उत्तरदायी नहीं होगा।
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