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Vedic Darshan (वैदिक दर्शन)

297.00

Author Dr. Shri Kapil Dev Dvivedi
Publisher Vishv Bharti Anusandhan Parishad
Language Hindi
Edition 2023
ISBN 978-81-85246-43-7
Pages 219
Cover Hard Cover
Size 14 x 1 x 21 (l x w x h)
Weight
Item Code VBRI0005
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Description

वैदिक दर्शन (Vedic Darshan) वेद आर्यजाति के प्राण-स्वरूप हैं। मनु महाराज ने वेदों को सर्वज्ञानमय कहा है। वेदों में समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, राजनीतिशास्त्र और आयुर्वेद आदि के अतिरिक्त अध्यात्म और दर्शनशास्त्र से संबद्ध सामग्री प्रचुर मात्रा में विद्यमान है। प्रस्तुत ग्रन्थ वैदिक दर्शन में उसका ही आलोचनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया गया है।

समस्त सामग्री को १३ अध्यायों में बांटा गया है। अध्याय १ में दर्शनशास्त्र का उद्भव और विकास तथा दर्शनशास्त्र का महत्त्व एवं प्रमुख आचार्यों का वर्णन है। अध्याय २ से ५ तक विराट् पुरुष, ब्रह्म और ईश्वर के स्वरूप का वर्णन, इनके विविध नाम-रूप, सर्वदेवमयत्व एवं उसकी प्राप्ति के साधनों का वर्णन है। अध्याय ६ में जीवात्मा के गुण-कर्म, पुनर्जन्म सिद्धान्त और कर्म-मीमांसा का विवेचन है। अध्याय ७ में प्रकृति का स्वरूप, गुण-कर्म और सूक्ष्म शरीर का वर्णन है। अध्याय ८ में एकेश्वरवाद, त्रैतवाद, देवों के स्वरूप और उनकी संख्या का वर्णन है। अध्याय ९ में मनोविज्ञान का विस्तृत वर्णन है। अध्याय १० में विविध दार्शनिक सिद्धान्तों का वर्णन है। अध्याय ११ में मधुविद्या प्राणविद्या, ब्रह्मविद्या आदि का विवेचन है। अध्याय १२ में सृष्टि-उत्पत्ति के सिद्धान्तों का वर्णन है। अध्याय १३ में ईश्वर-प्राप्ति के साधनों का वर्णन है।

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