Ayurvediya Vikriti Vigyan (आयुर्वेदीय-विकृति-विज्ञान)
₹234.00
Author | Dr. B.K. Dwivedi |
Publisher | Chaukhambha Krishnadas Acadmy |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 2018 |
ISBN | 81-218-0123-0 |
Pages | 405 |
Cover | Paper Back |
Size | 4 x 4 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | CSSO0760 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
10 in stock (can be backordered)
CompareDescription
आयुर्वेदीय-विकृति-विज्ञान (Ayurvediya Vikriti Vigyan) प्रस्तुत पुस्तक में विशेष रूप से इस बात पर ध्यान दिया गया है कि यह स्नातक स्तर पर सम्पूर्ण पाठ्यक्रम को आवृत कर पाठ्य पुस्तक के रूप में तथा स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए संदर्भ ग्रन्थ के रूप में उपयोगी हो। इस पुस्तक में व्याख्यान की भाषा व्यवहृत की गई है, जिससे विषयवस्तु बोधगम्य हो। सैद्धान्ति रूप में वर्णित विषयों को व्यवहारिक स्वरूप में प्रस्तुत कर आयुर्वेद के नवीनीकरण का प्रयास किया गया है। प्रस्तुत पुस्तक में कतिपय आयुर्वेद में महत्त्वपूर्ण अवधारणाओं का आयुर्वेदानुसार साङ्गोपाङ्ग वर्णन कर डॉ. बी. के. द्विवेदी द्वारा अनुसंधानात्मक स्वतंत्र स्वरूप दिया गया है। यथा-व्याधिक्षमत्व बीजदोष आदि । इस पुस्तक की मुख्य विशेषता यह है – आयुर्वेद के तकनीकी व पारिभाषिक शब्दों की व्याख्या व्यवहारिक स्वरूप में किया गया है ताकि उनका लाभ आयुर्वेदीय चिकित्सा व्यवसाय में पूर्णतः किया जा सके क्योंकि प्रायः आयुर्वेदीय सिद्धान्त परीक्षा व पठन पाठन तक सीमित रह जाते हैं, चिकित्सा व्यवसाय में उनका पूर्ण उपयोग नहीं हो पाता है। इस पुस्तक की व्यवहारिक उपयोग दृष्टिगत करते हुए इसकी भूमिका पद्मविभूषण वैद्य बृहस्पतिदेव निगुणा जी ने लिखी है।
Reviews
There are no reviews yet.